पवन कुमार शास्त्री।
मकर संक्राति पर विशेष
मेष राशि – गुड़, मूंगफली दाने एवं तिल का दान करें।
वृषभ राशि – सफेद कपड़ा, दही एवं तिल का दान करें।
मिथुन राशि – मूंग दाल, चावल एवं कंबल का दान करें।
कर्क राशि – चावल, चांदी एवं सफेद तिल का दान करें।
सिंह राशि- तांबा, गेहूं एवं सोने के मोती का दान करें।
कन्या राशि-खिचड़ी, कंबल एवं हरे कपड़े का दान करें।
तुला राशि- सफेद डायमंड, शक्कर एवं कंबल का दान करें।
वृश्चिक राशि- मूंगा, लाल कपड़ा एवं तिल का दान करें।
धनु राशि-पीला कपड़ा, खड़ी हल्दी एवं सोने का मोती दान करें।
मकर राशि- काला कंबल, तेल एवं काला तिल दान करें।
कुंभ राशि – काला कपड़ा, काली उड़द, खिचड़ी एवं तिल दान करें। मीन राशि – रेशमी कपड़ा, चने की दाल, चावल एवं तिल दान करें।
इसके साथ कुछ अन्य उपाय भी हैं जो सामर्थ्य के अनुसार आप भी कर सकते हैं। सूर्य और शनि का सम्बन्ध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण है। कहते हैं इसी त्यौहार पर सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं। आम तौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है, इसलिए इसी दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। अगर कुंडली में सूर्य या शनि की स्थिति ख़राब हो, तो इस पर्व पर विशेष तरह की पूजा कर भी उसे अनुकूल किया जा सकता है।
- जहाँ पर परिवार में रोग कलह तथा अशांति हो वहां पर रसोई घर में ग्रहों के विशेष नवान्न से पूजा करके लाभ लिया जा सकता है।
- पहली होरा में स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य दें।
– श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें।
– मनोकामना संकल्प कर नए अन्न, कम्बल, घी का दान करें। लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें।
– सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें। मंत्र है- “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः”
– संध्या काल में अन्न का सेवन न करें।
– तिल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें।
– शनि देव के मंत्र का जाप करें। मंत्र है-“ॐ प्रां प्री प्रौं सः शनैश्चराय नमः” – घी, काला कम्बल और लोहे का दान करें।