जदयू में हो सकता है बड़ा उलट फेर
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जदयू में हो सकता है बड़ा उलट फेर

 

मुकेश महान। जनता दल यू में निकट भविष्य में सांगठानिक स्तर पर बड़े उलट फेर की सम्भावना बन रही है । नए राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी  सिंह पर संगठन विस्तार की बड़ी ज़िम्मेदारी है । साथ ही 2019 के विधान सभा  के चुनाव परिणाम से पार्टी को उबारने को ज़िम्मेदारी भी नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पर है । ऐसे में माना ये भी  जा रहा है कि पार्टी में बड़े स्तर पर जल्द ही ओवर वायलिंग हो सकती है ।

जदयू के कई नामचीन नेताओं की या तो भूमिका बदल सकती है या उन्हें ज़िम्मेदारी मुक्त किया जा सकता है ।ऐसे नेताओं की पहचान की जा रही है जो वर्षों से पार्टी के लिए बड़े और सफ़ेद हाथी साबित हो रहे हैं या फिर नाम बड़े दर्शन छोटे की कहावत चरितार्थ कर रहे हैं ।जिनके पास पद तो वर्षों से रहा है लेकिन उसका कोई परिणाम या लाभ जदयू को नही मिल पाया है । जदयू का नया नेतृत्व ऐसे लोगों को किनारे कर छुटकारा चाहता है।

दूसरी ओर वैसे लोग जो वर्षों से पार्टी का झंडा ढो रहे हैं, मिहनती और कर्मठ हैं और जिन्हें अब तक कोई ज़िम्मेदारी नहीं मिल पायी है, उन्हें इस बार नई और बड़ी ज़िम्मेदारी देने पर मंथन चल रहा है। ऐसे लोगों की पहचान चल रही है ।

 माना जा रहा है कि इस नए परिवर्तन में कई नए और युवा को मौक़ा मिलेगा, जिससे पार्टी में भी नई ऊर्जा दिखेगी। युवाओं के नए जोश और उत्साह के भरोसे पार्टी आगे का रास्ता तय करना चाहती है। जबकि पार्टी की एक धारा अनुभवी लोगों को भी चाहती है। उनका मानना है कि अनुभव और नया जोश और नई ऊर्जा का संतुलन बेहतर परिणाम दे सकते हैं।

 यह बदलाव इसलिए भी जरुरी माना जा रह है कि इससे पार्टी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के कर्तव्य और अधिकार स्थापित हो सकेंगे। नए अध्यक्ष अपनी टीम बना कर मनमुताबिक काम कर और करा सकेंगे। पार्टी का कोई अधिकारी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष या मुख्यमंत्री के करीबी होने का धौंस दिखा कर बाधा नहीं खड़ी कर सकेंगे। संगठन के सभी नये अधिकारियों पर नए अध्यक्ष की सीधी पकड़ और सीधा  नियंत्रण रहेगा।

 ऐसे बदलाव को इसलिए भी जरुरी माना जा रहा है कि इस बहाने कुछ वैसे नेताओं को सीख दी जा सकती जो 2020 के चुनाव में भरोसे पर खड़े नही उतरे या अपने सामर्थ्य का पूरा उपयोग पार्टी हित में नही किया। जिससे पार्टी 72 से 43 सीटों पर सिमट कर रह गई।

  संगठन में इस तरह का बदलाव जल्द ही दिखेगा। आगामी 10 जनवरी को राज्य कार्यकारिणी और राज्य परिषद की बैठक राजधानी पटना में प्रस्तावित है। इस बैठक में राज्य कार्यकारिणी और राज्य परिषद के सभी सदस्यों को शामिल होना है। साथ ही इस बैठक में पार्टी के लोक सभा और राज्यसभा के सभी सांसदों, सभी विधायकों, सभी विधान पार्षदों, सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी, सभी प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षों, सहित सभी प्रदेश प्रवक्ताओं और विधान सभा चुनाव में हारे हुए उम्मीदवारों को भी बुलाया गया है।

  क़यास तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि संगठन में बदलाव की झलक इसी बैठक में देखने को मिल जाएगी। इसी बहाने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का वर्चस्व भी संगठन  पर स्थापित हो जाएगा। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि संगठन में किन चेहरों को आराम दिया जाएगा और किन चेहरों को नई ज़िम्मेदारी दो जाएगी।