नई दिल्ली/ एजेंसी। राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में गुरुवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भारतीय मौसम विभाग के सिस्मोलॉजी विभाग के निदेशक ने बताया कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 मापी गई और इसका केंद्र राजस्थान के अलवर में था.दिल्ली से लेकर नोएडा गाजियाबाद तक ये झटक महसूस किए गए. भूकंप के ये झटके 11 बजकर 46 मिनट के करीब महसूस किए गए. इस साल दिल्ली-एनसीआर में दर्ज किये गया ये भूंकप का 15वां झटका था. इससे पहले इस साल आए सभी 14 भूकंप निम्न से मध्यम तीव्रता के हैं. ये 12 अप्रैल से लेकर तीन जून तक दर्ज की गईं.राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक जेएल गौतम ने बताया कि आज तक अभी तक ऐसी कोई तकनीकी नहीं बनी है जिससे पहले से इसके बारे में बताया जा सके. उन्होंने कहा कि इसके आने के बाद तीव्रता का अंदाजा तो लगाया जा सकता है लेकिन पहले से कुछ नहीं कहा जा सकता है.
उन्होंने भूकंप आने वाले क्षेत्रों के 5 जोन में बांटा गया. जिसमें 5वां जोन सबसे खतरे में है और दिल्ली का इलाका चौथे जोन में आता है. उन्होंने बताया कि हिमालय के आसपास का इलाके में बड़े भूकंप आने का खतरा ज्यादा है क्योंकि वहां पर प्लेटें खिसक रही हैं. इसलिए हिंदुकुश पर्वत से लेकर उत्तर-पूर्व तक भूकंप का एक बड़ा खतरा है और हिमालयी क्षेत्र से दिल्ली की दूरी 250 से 300 किलोमीटर के आसपास है. इसलिए वहां आए भूकंप का असर इस इलाके में दिख सकता है. जिस तरह नेपाल में आए भूकंप का असर दिल्ली तक देखा गया था.