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नाटक हकिमाइन के नुस्खे ने “नीम हकीम- खतरे जान” का पढ़ाया पाठ

36वें पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव के तीसरे दिन “कला जागरण” की रही शानदार प्रस्तुति

अलका.

पटना। स्थानीय कालिदास रंगालय में चल रहे 36वें पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव के तीसरे दिन आज कला जागरण, पटना के कलाकारों ने अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा लिखित और सुमन कुमार निर्देशित हास्य नाटक ” हकिमाइन का नुस्खा” का मंचन किया। इसे दर्शकों ने काफी पसंद किया। झोलाछाप डॉक्टरों के कारण कई बार लोगों की जान पर बन आती है। इनके चक्कर में कई बार ऐसा घनचक्कर हो जाता है कि उससे निकलना आम लोगों के लिए बूते के बाहर की बात होती है। स्थिति तब और विकराल हो जाती है जब हकीम की अनुपस्थिति में हकिमाइन इलाज करने लग जाती है। ऐसी परिस्थितियां न सिर्फ हास्य उत्पन्न करती हैं, बल्कि सीख भी देती है। सुमन कुमार के निर्देशन में सभी कलाकार इस संदेश को सरल-सहज ढंग से गुदगुदाते हुए दर्शकों तक पहुंचाने में सफल रहे।

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हरे कृष्ण सिंह मुन्ना (बजरंगी पहलवान), हीरालाल राय (हकीम), हकिमाईन बनी आकांक्षा प्रिया,मिथिलेश कुमार सिन्हा (रफीक),सौरभ सफारी (छोटे नवाब), कुमार उदय सिंह (मजनू), अरविंद कुमार (चोर), संजय राय(हरिलाल पहलवान),शिल्पी (नीमकौड़ी), आराध्या सिन्हा (पंडितजी) और आरती सिन्हा (पंडिताइन) ने लाजवाब अभिनय किया।

 

अन्य कलाकारों में सितेश कुमार सिंह व सनाया परिधि थीं। प्रकाश परिकल्पना राजकुमार शर्मा की थी। जबकि मंच परिकल्पना प्रदीप गांगुली ने की थी। रोहित कुमार व गणेश प्रसाद सिन्हा ने भी प्रस्तुति में भरपूर सहयोग किया था। प्रांगण के सचिव अभय सिन्हा ने बताया कि महोत्सव के चौथे दिन 5 फरवरी शुक्रवार को मंथन कला परिषद खगौल के कलाकार भिखारी ठाकुर लिखित प्रसिद्ध नाटक “गबरघिचोर” का मंचन प्रमोद कुमार त्रिपाठी के निर्देशन में होगा।