समस्तीपुर/ सवांददाता. जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने समस्तीपुर में किसान-मजदूर रोजगार महासभा को संबोधित किया. जिले के मोहद्दीनगर विधानसभा के धमौन पंचायत में किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने नए कृषि कानून के साथ जमाखोरी को कानूनी दर्जा प्रदान कर दिया है. अब बड़े-बड़े व्यापारी फसल कटने के बाद उसे अपने पास स्टॉक कर रख लेंगे और फिर जब बाज़ार में उसकी कमी होगी तो ऊंची कीमत पर बेचेंगे. इससे किसानों को अपना हक़ नहीं मिलेगा और जनता को भी ऊंची कीमत पर अनाज खरीदना पड़ेगा.
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को दुनिया का सबसे बड़ा किसान आंदोलन कहते हुए पप्पू यादव ने कहा कि लाखों किसान पिछले 48 दिनों से सिंघु बॉर्डर पर अपने जीवन की रक्षा के लिए आंदोलनरत है. बच्चे, बूढ़े इस ठंड में कोरोना महामारी के बीच अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा.
बिहार के किसानों का जिक्र करते हुए जाप अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार ने 2006 में मंडी सिस्टम को ख़त्म कर प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है. आज देश भर में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय बिहारी किसानों की है. इस साल 1 लाख 24 हज़ार क्विंटल धान का उत्पादन बिहार में हुआ लेकिन सिर्फ 40 हज़ार क्विंटल धान ही खरीदी गई. पैक्स छोटे किसानों से धान नहीं खरीद रही है. जिस कारण मजबूरन उन्हें अपना अनाज साहूकारों को कम दाम पर बेचना पड़ रहा है.
आगे उन्होंने कहा कि हम दुनिया बदल सकते हैं. हमारे यहां केला, लीची, आम, गन्ना, आलू, प्याज सहित सभी फल और सब्जियों का उत्पादन प्रचुर मात्रा में होता है. पहले अच्छी क्वालिटी के खाद्य और बीज कम कीमत पर मिलते थे लेकिन अब खाद्य और बीज के दाम आसमान छू रहे हैं. हमारे यहाँ की 70 फीसदी भूमि बाढ़ और 30 फीसदी भूमि सुखाड़ से प्रभावित है. आज तक इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और आम जनता भुगत रही है.
किसानों की आय बढ़ाने पर सुझाव देते हुए पप्पू यादव ने कहा कि एक कमिटी बनाए जाए जो हर वर्ष अनाज, फल और सब्जी की कीमत किसानों के लागत के अनुसार तय करे. किसान धूप में, पानी में मेहनत करता है लेकिन उसे अपनी मेहनत का पैसा नहीं मिलता.