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पुरुष प्रधान समाज को मां ने दिखाया आईना

पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव के चौथे दिन मंच पर दिखा “गबरघिचोर”

पटना। 36वें पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव के चौथे दिन शुक्रवार को मंथन कला परिषद , खगौल के कलाकारों ने गबरघिचोर का भावपूर्ण मंचन किया।
इस वर्ष पाटलिपुत्र अवॉर्ड से सम्मानित चर्चित रंगकर्मी प्रमोद कुमार त्रिपाठी द्वारा निर्देशित इस नाटक के माध्यम से भोजपुरी भाषा के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर ने एक स्त्री के अधिकार और न्याय पाने के लिए उसके संघर्ष को निरूपित किया है, जो पुरुष प्रधान समाज के लिए अभिनव उदाहरण है। लगभग 80 साल पहले लिखे इस अति प्रगतिशील नाटक के संदेश को कलाकारों ने बड़ी ही सहजता से मंच पर साकार किया है। इस संगीतमय प्रस्तुति को जीवंत करने में कलाकारों ने कोई कसर नहीं छोड़ी।


कलाकारों में हौबिंस कुमार ( पंच),अंजली शर्मा (गलीच बहू), सोनू कुमार(गलीच), तेज नारायण सिन्हा (गड़बड़ी), विवेक राज (घिचोर) और दीनानाथ गोस्वामी( जल्लाद) ने दर्शकों की वाहवाही बटोरी।
प्रस्तुति की नेपथ्यकर्मियों में अमन कुमार, पूजा कुमारी, प्रशांत कुमार, श्यामाकांत कुमार ( गायक – संगीतकार), कामेश्वर आजाद(नालवादक) एवं राम भवन पासवान ( झाल- करताल) थे। प्रकाश परिकल्पना प्रशांत कुमार की थी। सचिव अभय सिन्हा ने बताया कि शनिवार 6 फरवरी को महोत्सव के आखिरी दिन गुरु रविंद्रनाथ ठाकुर की कहानी पर आधारित नाटक ” चारुलता ” का मंचन प्रांगण के कलाकार करेंगे। इसका नाट्य रूपांतरण डॉ किशोर सिन्हा ने और निर्देशन सोमा चक्रवर्ती ने किया है।