पटना। जन अधिकार पार्टी (लो) के महासचिव प्रेमचंद सिंह ने रुपेश सिंह हत्याकांड पर बोलते हुए कहा कि जब कोई राजनेता सच्चाई सामने लाने की कोशिश करता है तो जद(यू) के नेताओं के पेट में दर्द होने लगता है। बिजली विभाग पर एक ही अधिकारी का कब्ज़ा यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री की नज़रों के सामने अनियमितताओं के खेल से लूट किया जा रहा है। फिर भी मुख्यमंत्री चुप हैं।
जद(यू) नेता शैलेन्द्र प्रताप पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि यदि हमारी पार्टी भ्रष्ट अधिकारियों के नाम उजागर कर रही है तो जद(यू) के नेतागण विचलित क्यों हैं? वो क्यों बचाव कर रहे हैं? इससे साफ पता चलता है कि अंदर ही अंदर बहुत बड़ा खेल चल रहा है।
उन्होंने कहा कि वो अधिकारी कौन है, जो नियमों को ताख पर रखकर अपने विभाग के कनीय कर्मचारियों को विदेश ले जाते हैं। ये बिहार की जनता जानना चाहती है। विदेश जाने वाली पांच महिलाओं में से एक अंजलि आनंद की मौत एक साल पहले हुई जिसे आत्महत्या कहा गया था। लेकिन उसका पंचनामा नहीं किया गया। इस मामले पर अभी तक प्रत्यय अमृत से पूछताछ क्यों नहीं हुई? इस मौत की भी जांच होनी चाहिए क्योंकि रुपेश की हत्या से इसके तार जुड़े हुए हैं।
कटिहार जिलाधिकारी का जिक्र करते हुए प्रेमचंद सिंह ने कहा कि कटिहार में बड़ी संख्या में अपराधियों को हथियार के लाइसेंस दिए गए। उन सभी का अस्थायी निवास एक ही कॉलोनी में ही कैसे? रूपेश सिंह हत्या कांड में जिन अधिकारियों का नाम आ रहा हैं। उनसे अभी तक पूछ-ताछ क्यों नहीं हुई। एक उच्चस्तरीय कमिटी बनाकर इसकी जांच होनी चाहिए.