पटना. अगस्त 2019 में पटना में अतिक्रमण के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया गया था। शहर की प्रमुख सड़कें अतिक्रमण अभियान के बाद चौड़ी हो गई थी। इसी में एक प्रमुख सड़क बोरिंग रोड भी रही। तत्कालीन आयुक्त आनंद किशोर के विशेष अभियान से सड़क और चौराहे की दशा बदल गई थी। लेकिन 16 माह बाद शनिवार को जब पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल और डीएम कुमार रवि अधिकारियों के साथ बोरिंग रोड पर पैदल निकले तो अतिक्रमण देख दंग रह गए। अभियान के दौरान जिन दुकानों को ताेड़ा गया था वह फिर बन गईं। सड़क सिकुड़ गई और अतिक्रमण का दायरा बढ़ गया।
आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल और डीएम कुमार रवि को हर 10 कदम पर कोई न कोई अतिक्रमण दिख गया। इस बीच सड़क पर बिना पार्किंग के गाड़ियां भी खूब दिखीं। बोरिंग रोड चौराहे से लेकर पानी टंकी पाटलिपुत्रा तक अधिकारियों की टीम पैदल चली। इस बीच कार का एक शोरूम मिला जहां अतिक्रमण अभियान में तोड़े गए पक्के निर्माण को फिर बना दिया गया है। डीएम कुमार रवि ने इस मामले में संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने आदेश दिया है।
बोरिंग रोड पर ही रेडीमेड कपड़ों के एक शोरूम से भी सड़क पर कचरा फेंका गया था। इस पर आयुक्त ने नगर आयुक्त को कार्रवाई का निर्देश दिया है। अधिकारी लगभग 1.5 किलोमीटर पैदल चले, इसमें 150 से अधिक स्थानों पर अतिक्रमण दिखा है। सड़क पर बिना पार्किंग के 20 से अधिक कारें और 24 से अधिक बाइक मिलीं, जिनका चालान किया गया है। बोरिंग रोड पर 1.5 किलोमीटर की दूरी में नगर निगम की टीम 24 दुकानों का सामान उठा ले गई। इसमें ठेले और होटल की दुकानों का सामान शामिल है। गैस सिलेंडर और किचन का पूरा सेट ही जब्त कर लिया गया है। इस दौरान उस रेस्टोरेंट को बंद करने का आदेश दिया गया है, जो वर्ष 2019 के अभियान में बंद कराया गया था। दरअसल, अतिक्रमण अभियान खत्म होते ही निगरानी बंद हो जाती है। शनिवार को आयुक्त ने बोरिंग रोड पर एक ऐसा निर्माण कार्य पाया है जिसे बाहर से घेर कर अंदर ही अंदर बनाया जा रहा था। कमिश्नर ने नगर आयुक्त से सवाल किया कि क्या यह नक्शे से बनाया जा रहा है। प्रमंडलीय आयुक्त ने जांच का आदेश दिया है कि अतिक्रमण करके कैसे निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
बोरिंग रोड को लेकर एक बार फिर अफसरों का प्लान बना है। सड़क को दो लेन से बढ़ाकर तीन लेन किया जाएगा और फिर फुटपाथ बनाया जाएगा। सड़क से बिजली के पोल हटाए जाएंगे, पार्किंग की व्यवस्था कर सड़क को जाम से मुक्ति दिलाई जाएगी। हालांकि ऐसा ही प्लान वर्ष 2019 में भी बना था, लेकिन सड़क पर फिर अतिक्रमण हो गया।