पुलिस ने पीड़िता के परिवार और मुख्य आरोपी के फोन की जांच की। दावा है कि संदीप को पीड़िता के भाई के नाम रजिस्टर्ड नंबर से बराबर कॉल आते थे। पीड़िता के भाई के नंबर 989xxxxx और संदीप के 76186xxxxx के बीच 13 अक्टूबर, 2019 से टेलीफोनिक बातचीत शुरू हुई। पुलिस के अनुसार, ज्यादातर कॉल चंदपा में स्थित सेल टॉवरों से किए गए थे, जो पीड़िता के गांव से ज्यादा दूर नहीं। हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को पीड़िता के परिवार की सुरक्षा पर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया
हाथरस। हाथरस कांड में कॉल डीटेल्स सामने आने से नया मोड़ आ गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, पीड़िता के परिवार और मुख्य आरोपी के बीच फोन पर लगातार बात होती थी। मगर पीड़िता के भाई ने कहा है कि उसकी कभी संदीप से बात नहीं हुई है। उसने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि फोन नंबर पिता के नाम पर जरूर है लेकिन आरोपी के साथ कभी बात नहीं हुई है। भाई ने आरोप लगाया कि परिवार को बदनाम करने और दबाव बनाने की कोशिश हो रही है। उसने कहा कि ‘मेरी बहन तो अनपढ़ थी, फोन कहां से चलाती। अगर बात होती थी तो रिकॉर्डिंग सुनाई जाए।’
पीड़िता के भाई ने बताया कि वह गाजियाबाद में रहते थे। जब बहन के साथ ऐसी वारदारत की जानकारी मिली तो अलीगढ़ आ गए। फिर अस्पतालों के चक्कर लगाए। परिवार ने आरोप लगाया कि मामले में आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है। पीड़िता के भाई ने कहा कि ‘चारों तरफ से हम लोगों को दबाया जा रहा है। आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। आरोपी सारा इल्जाम हमारे ऊपर थोप रहे हैं।’