नई दिल्ली। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने बिहार के मंत्रियों पर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। एडीआर ने नीतीश कुमार सरकार में शामिल 28 मंत्रियों की संपत्ति का विश्लेषण किया। विश्लेषण चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामों के आधार पर किया गया।
अब 31 मंत्रियों में से अशोक चौधरी और जनक राम की संपत्ति का विश्लेषण नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं। राम सूरत राय का हलफनामा स्पष्ट नहीं है और इसलिए इसका विश्लेषण भी नहीं किया गया।
जल संसाधन विकास मंत्री संजय कुमार झा 22.37 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति के साथ सबसे अमीर मंत्री हैं। बसपा के पूर्व विधायक और अब अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जमां खान, जो जनता दल-युनाइटेड में शामिल हो गए थे, वह 30.04 लाख रुपये की संपत्ति के साथ सबसे निचले पायदान पर हैं।
कुल 20 मंत्रियों ने देनदारियों की घोषणा की है, जिसमें विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी भी शामिल हैं, जिन्होंने घोषणा की है कि वह 1.54 करोड़ रुपये के कर्ज में हैं।
एडीआर ने दावा किया कि 18 मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें 14 गंभीर आपराधिक आरोपों के साथ शामिल हैं – भाजपा के 57 प्रतिशत मंत्री, जेडी-यू के 27 प्रतिशत मंत्री और वीआईपी, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और निर्दलीय मंत्री भी इसमें शामिल हैं।
बिहार मंत्रिपरिषद में अब मुख्यमंत्री सहित 31 सदस्य हैं। इनमें जनता दल-युनाइटेड के मुख्यमंत्री सहित 12 सदस्य हैं। भाजपा के 16, और विकासशील इंसान पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और निर्दलीय से एक-एक।