टीका लगवाने वालों में आधे से अधिक सीनियर सिटीजन
नई दिल्ली। भारत में फेज-2 शुरू होने के साथ ही कोरोना के खिलाफ टीकाकरण में तेजी आई है। 16 जनवरी से 28 फरवरी तक करीब 1.43 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगे थे। वहीं, मार्च के पहले हफ्ते में ही 50 लाख से अधिक डोज दिए जा चुके हैं। अर्थात प्रति दिन औसतन 7.5 लाख से अधिक डोज दिए जा रहे हैं। आगे ये रफ्तार और भी बढ़ने की संभावना है। रविवार को छुट्टी के दिन भी 66 हजार लोगों ने वैक्सीन के डोज लिया। 59,600 लोगों ने पहला डोज लिया, जबकि 7 हजार ने दूसरा डोज।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार सुबह 7 बजे तक के आंकड़ा के अनुसार भारत में अब तक 2.10 करोड़ डोज दिए जा चुके हैं। इसमें 1.72 करोड़ लोगों को कम से कम पहला डोज मिला, जबकि 37.61 लाख लोग दूसरा डोज भी लगवा चुके हैं।
देश में 16 जनवरी को हेल्थकेयर वर्कर्स को टीका लगाने के साथ कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। 2 फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी वैक्सीन लगने लगी थी। 13 फरवरी से हेल्थकेयर वर्कर्स को दूसरा डोज दिया जा रहा है। फ्रंटलाइन वर्कर्स को दूसरा डोज देने की शुरुआत 2 मार्च को हुई। 1 मार्च से सरकार ने सीनियर सिटीजन और 45-59 वर्ष के गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को वैक्सीनेशन में शामिल किया। साथ ही प्राइवेट अस्पतालों को भी टीके लगाने के लिए अधिकृत किया।
अगर तुलनात्मक ढ़ंग से देखा जाए तो प्रति 100 लोगों में वैक्सीनेशन का आंकड़ा देखा जाए तो इजरायल ने सभी को पीछे छोड़ दिया है। वहां 100 में से तकरीबन 99 लोग वैक्सीनेट हो चुके हैं। इसके बाद यूएई (63.25), यूके (33.71), यूनाइटेड स्टेट्स (26.29), चीन (3.65) और भारत (1.52) के साथ ही अन्य देशों का नंबर आता है। साफ है कि आबादी को वैक्सीनेट करने के मामले में ज्यादा आबादी होने की वजह से चीन और भारत काफी पीछे रह गए हैं। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट कहती है कि अगर भारत को तयशुदा लक्ष्य के अनुसार अगस्त तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करना है तो औसतन 13 लाख डोज रोज देने होंगे।