मुजफ्फरपुर,संवाददाता। मुजफ्फरपुर में हुआ साहित्यकारों का समागम। काव्यपाठ के बहाने देशभर से साहित्यकारों का जुटान मुजफ्फरपुर में हुआ। साहित्यकारों के इस समागम से मुजफ्फरपुर का माहौल एक दिन के साहित्यमय हो गया। दिल्ली की अखिल भारतीय स्वयंसेवी संस्था सोशल एंड मोटिवेशनल ट्रस्ट की नवगठित मुजफ्फरपुर इकाई के तत्वावधान में भव्य साहित्यिक समारोह का आयोजन मुजफ्फरपुर के सरैयागंज स्थित श्री नवयुवक समिति भवन में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता सिंह ने कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ऊषा किरण, कार्यक्रम अध्यक्ष सुमन मेहरोत्रा, विशिष्ट अतिथि डा पुष्पा गुप्ता एवं कार्यक्रम संयोजिका सविता राज के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन कर किया और सभी आमंत्रित कवियों – कवयित्रियों को संबोधित तथा सम्मानित किया।
मुजफ्फरपुर एवं बिहार के अन्य शहरों से आमंत्रित साहित्यकारों ने काव्य पाठ कर कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम संयोजिका एवं संचालिका सविता राज के सफल मंच संचालन ने समारोह को बहुत ही रोचक बना दिया। कार्यक्रम का समापन अंजनी कुमार पाठक के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
इसे भी पढ़ें- ब्राइटर माइंड्स के प्रशिक्षण का असर,आंखे बंद कर भी बच्चे पहचानते हैं रंग और अक्षर
सोशल एंड मोटिवेशनल ट्रस्ट कला, साहित्य, संस्कृति एवं समाज सेवा के लिए समर्पित अखिल भारतीय संस्था है, जो साहित्यिक गतिविधियों में अपना विशिष्ट पहचान बना चुकी है। यह संस्था दिल्ली एवं देश के अन्य शहरों में साहित्यकारों का समागम जैसे विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा साहित्यकारों को मंच प्रदान कर उन्हें सम्मानित कर प्रोत्साहित कर रही है।
इसे भी पढ़ें –बजरंग दल का देशव्यापी हनुमत शक्ति जागरण 9 मई को: मिलिंद परांडे
इस अवसर पर कई कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया, जिनमें डॉ. सतीश कुमार साथी, डॉ सुमन मेहरोत्रा, ममता सिंह, सविता राज, डॉ सोनी सुमन, अनुभव राज, ज्योति सिन्हा, प्रमोद नारायण मिश्र, सुमन कुमार मिश्र, डॉ लोकनाथ मिश्र, डॉ नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी, मुन्नी चौधरी, उमेश राज, हरिनारायण गुप्ता, उषा किरण, हिमांशु अस्थाना, यशपाल कुमार, विजय शंकर प्रसाद, अंजनी कुमार पाठक, डॉ पुष्पा गुप्ता, मुस्कान केशरी, जगदीश शर्मा, रेखा शर्मा ‘स्नेहा’, सत्येन्द्र कुमार सत्येन, डॉ कुमारी अन्नु, , डॉ ब्रजभूषण मिश्र, देव व्रत अकेला, हेमा सिंह, उदय नारायण, डॉ बी के दयाल, सुधांशु राज, सौरभ प्रभात आदि कवियों की रचनाएं सराही गई।