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शरीर के चक्रों को ऐसे करें बैलेंस और रहें स्वस्थ

मृत्युंजय शर्मा (लेखक ज्योतिष के जानकार हैं इनसे फोन नं 8882950437 पर संपर्क किया जा सकता है। )

शरीर में होते हैं 7 चक्र, ऐसे पता करें कि आपके शरीर का कौन सा चक्र बैलेंस हैं?
सभी जानते हैं कि शरीर में 7 चक्रा होते हैं और यही चक्रा शरीर को संतुलित रखते हैं। इसके लिए जरूरी है कि पहले आप जानें कि आपके कौन कौन से चक्र एक्टिव है।और कौन सा चक्र बिगड़ा हुआ है। आपके जानने के लिए यहां कुछ टीप्स और सिम्पटम्स दिए जा रहे हैं
पहले समझते हैं कि हर चक्र का अपना अपना फंक्शन क्या है? पहला चक्र है रुट चक्र । यानि कि मूलाधार चक्र, जो शरीर में रीढ़ के हड्डी में सबसे नीचले हिस्से में होता है। इसका फंक्शन है आपको सेफ्टी और सिक्यूरिटी देना। साथ ही यह आपकी सेहत को ठीक रखता है।यह इंसान के हेल्थ को कंट्रोल करता है। अगर आप रोजाना व्यायाम करते हैं और अपने अंदर सकारात्मक शक्ति संजोते हैं तो ये चक्र आपका बैलेंस रहेगा।ये चक्र अगर बैलेंस है, तो आपको पता चल जाएगा कि आपकी हेल्थ अच्छी रहनेवाली है। इसके बैलेंस होने पर आपका शरीर स्वस्थ होगा।आपका शरीर एक्टिव रहेगा, एनर्जेटिक रहेगा। आलस नहीं रहेगा और आप हमेशा स्टेबल फील करेंगे।
चक्र के असंतुलित होने पर ठीक इसके विपरीत होता है। सारी चीजें उलटी हो जाती हैं। शरीर में आलस भरा रहता है। आपको असुरक्षा महसूस होगी, भय बना रहेगा और आपके मन में नेगेटिव थॉट बहुत ज्यादा आएंगे।

भारत में तो ज्यादातर लोगों का ये चक्र डैमेज ही रहता है।यही कारण है कि नेगेटिव थिंकिंग वाले लोगों की भरमार है यहां। जबकि इसको ठीक करने का सिंपल तरीका है। रोजाना शारीरिक व्यायाम करने से यह चक्र संतुलित रहता है।यह चक्र पृथ्वी तत्व से जुड़ा है। अगर आपने पृथ्वी तत्व को बैलेंस कर लिया। यानि मिट्टी से आपका संपर्क बना हुआ है। आप बागवानी करते हैं और नंगे पांव घास पर या मिटटी पर चलते हैं,तो ये चक्र आपका बैलेंस रह सकता है। इसके अतिरिक्त इस चक्र को बैलेंस करने के लिए आपको वैसे फल और सब्जी का भी सेवन करना चाहिए, जो जमीन के नीचे पैदा होते हैं। जैसे गाजर , मूली , लहसन , प्याज, चुकंदर आदि। इसको बैलेंस रखना जरुरी है क्योंकि ये ही आधार है जिसपर शरीर रूपी ये बिल्डिंग टिका हुआ है।
दूसरा चक्र है स्वाधिस्ठान चक्र । ये नाभि से लगभग 3 इंच नीचे प्रजनन तंत्र के पीछे होता है। इसका कलर ऑरेंज होता है और यह क्रिएटिविटी और सेक्सुलिटी को संचालित करता है। ये मुख्यतः 2 चीजों को कंट्रोल करता है। अगर आपके अंदर जीने का बहुत अच्छा शौक है। आपके अंदर कोई पैशन है और आप उसका सही ढंग से इस्तेमाल करते हैं, तो आपका ये चक्र बैलेंस होगा। वैसे ये 50 प्रतिशत लोगों का बैलेंस ही रहता है।
अब इसमें समस्या है कि लोगों में सेक्सुलिटी को लेकर बहुत सारी नेगेटिव धारणाएं बनी हुई है। जिसके कारण ये चक्र असंतुलित हो जाता है। इसका मतलब ये है कि आप सेक्स के मामले में स्वीकार करें कि ये जीवन का एक हिस्सा है। इसको लेकर चिपकना भी नहीं है। साथ ही मन में नेगेटिव फीलिंग भी नहीं लानी है। और इसके साथ साथ अपने जीवन में कुछ क्रिएटिविटी लेकर आना है। अगर आप अपने जीवन में क्रिएटिव सोच रखते हैं। आपको जीवन में इंट्रेस्ट है। आपकी इन्द्रियां एक्टिव हैं। आपको सेंसेशन फील होता है।
तो इसका मतलब है कि आपका ये चक्र बैलेंस है। और ये चीजें नहीं होती तो इसका अर्थ है ये असंतुलित है।
अगर यह असंतुलित है, तो उस व्यक्ति का दिमाग या तो ओवर सेक्सुलिटी में पड़ा होता है या वो नशे में होता है। ये दोनों चीजें मिलती जुलती हैं, क्योंकि इन दोनों में पैशन होता है, लेकिन गलत दिशा में है। इसको ठीक करने का शाधारण सा उपाय है। अपने जीवन में क्रिएटिविटी लेकर आएं। मसलन गाना गाइये, डांस कीजिये, मेडिटेशन कीजिये, पार्टी कीजिये, मतलब कुछ सकारात्मक करते रहना है। जिससे कि इस चक्र का उपयोग हो सके। इस चक्र को बैलेंस करने के लिए आपको वैसे फल और सब्जी का भी सेवन करना चाहिए, जिसका रंग ऑरेंज हो, जैसे नारंगी, आम, नीम्बू, शहद आदि। वैसे नारियल भी इसमें लाभ देता है।
तीसरा चक्र है मणिपुर चक्र। जो नाभि से लगभग दो-ढाई इंच ऊपर होता है और इसका रंग पीला है।यह आत्म सम्मान की भावना पैदा करता है। इंसान को भयरहित बनाता है। पद, यश और धन अर्थात दुनिया में यह मान सम्मान बढ़ाता। अगर आपका ये चक्र बैलेंस है, तो ये सबकुछ होगा ही, यह तय ही समझिए।
लेकिन इसका बैलेंस बिगड़ गया तो आप मेहनत तो बहुत करेंगे लेकिन रिजल्ट नहीं आएगा। मतलब आउटपुट ज़ीरो। वैसे ये आपके शरीर का सूर्य तत्व है। सूर्य तत्व अगर आपका अच्छा है तो सूर्य की तरह ही आपका प्रकाश पूरी दुनिया में फैलेगा।
मणिपुर चक्र के बैलेंस होने से आपके अंदर निडरता और निर्भयता आती है। आप जीवन की चुनौति को स्वीकार कर सकते हैं। आपके अंदर कॉन्फिडेंस होता है। समाज में आपका मान- सम्मान और पैसा होता है।
इस चक्र का बैलेंस होना बहुत जरुरी है। यह जुड़ा हुआ है सूर्य से, तो इस चक्र को बैलेंस करने के लिए जरुरी है सूर्य देव के दर्शन करना। उनका आशीर्वाद प्राप्त करना। सूर्योदय के समय से 1 घंटे के अंदर-अंदर आप सूर्य स्नान करें। आपकी श्रद्धा हो या न हो। लेकिन ये वैज्ञानिक तथ्य हैं कि बस 10 मिनट के लिए पूरे शरीर पर सूरज की रौशनी पड़नी चाहिए। इससे विटामिन डी तो मिलता ही है, साथ ही बॉडी के सभी चक्रों को ऊर्जा भी मिलती है। मणिपुर चक्र बैलेंस हो जाता है और सूर्य की तरह आपका भी प्रकाश पूरी दुनिया में फैलता है। तो आपके जीवन में अगर पद है, नाम है, धन है, इसका मतलब आपका ये चक्र बैलेंस है। और अगर इसका उल्टा है। मान-सम्मान नहीं मिलता, पैसा नहीं है, धन की कमी हो रही है, और कॉन्फिडेंस की कमी रहती है, मन में डर बना रहता है, बिना कोई कारण आप भयभीत रहते हैं। पेट में गैस की समस्या है या पाचन क्रिया ठीक से काम नहीं करती है, तो समझ लीजिये आपका ये चक्र बैलेंस नहीं है। इसको बैलेंस करने के लिए सूर्योदय के समय सूर्य को अर्ध्य दें , सूर्य नमस्कार करें, सनबाथ लें और कपाल भाति करें।
कपाल भाति के 200 स्ट्रोक जरुरी है। महिलाओं के लिए स्ट्रोक की संख्या थोड़ा कम हो सकती है,वो चाहें तो कपालभाति के 100 स्ट्रोक करे। लेकिन पुरुषों को तो 200 स्ट्रोक जरूर करनी चाहिए। कपालभाति करने से मणिपुर चक्र सीधा प्रभावित होता है। साथ ही सकैरल चक्र और हृदय चक्र पर भी इसका पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है। इस चक्र को बैलेंस करने के लिए आपको सूर्यमुखी का तेल, अलसी, दूध, मक्खन, घी, दही, हल्दी, लहसन, चिया सीड्स आदि का भी सेवन करना चाहिए।
चौथा चक्र है ह्रदय चक्र। यह वायु तत्व से बना हुआ हरे रंग की ऊर्जा है। ये चक्र रेस्पोंसिबल होता है आपके रिलेशनशिप के लिए। दिल में प्रेम कितना है। करुणा कितनी है? भावना कैसी है। आपका एनर्जी, अगर ह्रदय के लेवल पर टिकी हुई है तो आपका लोगों के प्रति प्रेम होगा। करुणा का भाव होगा, दया का भाव होगा। लोगों के प्रति सेवा का भाव होगा।और ये चक्र अगर असंतुलित है, तो आपके अंदर छोटी छोटी बातों को लेकर मिस अंडरस्टैंडिंग होगी। आप बहुत सेंसेटिव हो जाते हैं। छोटी छोटी बातें आपके दिल को लग जाती हैं।आप ओवर इमोशनल हो जाते हैं और गुस्सा बहुत आता है। आपका मूड बार बार बदलता रहता है। आप कभी तो बहुत प्यार करेंगे और कभी बहुत नफरत। कभी किसी व्यक्ति के प्रति मर मिटेंगे। फिर वहां से धोखा मिलेगा। तो दोष देंगे अपनी किस्मत को। यही है ह्रदय चक्र का लेवल। ह्रदय चक्र अगर बैलेंस होगा तो आपका सभी के प्रति पॉजिटिव व्यवहार होगा। माहौल खुशनुमा रहेगा। आप बोल्ड होंगे, साहसी होंगे, लोगों के साथ बहुत अच्छे से डील कर पाएंगे। अगर ये इमबैलेंस होगा, तो आप इमोशनल होंगे और लोगों पर बहुत जल्दी ट्रस्ट कर लेंगे। बहुत जल्दी ट्रस्ट के कारण आपके साथ बार बार धोखा हो सकता है। इस चक्र को बैलेंस रखिये। इसको बैलेंस रखने के लिए सबसे बढ़िया तरीका है। जोर जोर से ब्रीथिंग लेना और प्रकृति के समीप रहना।


इसका रंग ग्रीन है, तो प्रकृति के समीप रहना इसकी जरुरत है। साथ ही अपने आप को पॉजिटिव बनाये रखें। रिलेशन मेनटेन रखा करें। किसी से कोई उम्मीद न रखें। आप अपना बेस्ट जिसको दे सकते हैं, उसे जरूर दीजिये। लेकिन किसी व्यक्ति से ये उम्मीद बिलकुल भी मत कीजिये कि इस व्यक्ति को ऐसे नहीं, बल्कि ऐसे करना चाहिए था। ये गलत, वो गलत के चक्कर में न पड़ें। किसी के प्रति बुराई न करें, किसी के प्रति नकारात्मकता न रखें। इसको बैलेंस करने का लिए जल्दी और सबसे बढ़िया साधन है बस 10 मिनट के लिए भस्त्रिका, कपालभाति और अनुलोम-विलोम प्रायाणाम करें। बस ये तीन प्राणायाम कर लें, यह अगर आप 3 – 4 मिनट भी कर लेते हैं तो भी आपका ये चक्र बैलेंस हो जाता है। जब कभी भी लगे कि आप बहुत नेगेटिव सोच रहे हैं, तो आप समझ लीजिये की आपके मणिपुर चक्र का बैलेंस बिगड़ गया है। तो तुरंत फास्ट ब्रेथिंग स्टार्ट कर दें। बहुत जल्दी ये चक्र बैलेंस हो जायेगा। दूसरे लोगों के मामले में ज्यादा हस्तछेप न करें, लोग चाहें जैसे भी हैं, उन्हें स्वीकार कीजिये। इस चक्र को बैलेंस करने के लिए आपको हरे रंग की सब्जियों का इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा।
पांचवां चक्र है कंठ चक्र। जिसे विशुद्ध चक्र भी कहा जाता है। इसको बैलेंस करना बहुत ही सिंपल है। ये आपके कम्यूनिकेशन स्किल्स को नियंत्रित औऱ संचालित करता है। अगर ये चक्र बैलेंस रहेगा तो आपके कम्यूनिकेशन स्किल्स अच्छे होंगे। लोगों पर आपकी बातों का पॉजिटिव इम्पैक्ट पड़ेगा। आप बड़ी जल्दी लोगों को कन्विंस कर पाएंगे। आपकी वाणी में मिठास और मधुरता होगी। लेकिन ये चक्र असंतुलित है तो आपके कहने पर लोग कन्विंस नहीं होंगे। आप जो कहना चाहते हैं, वो कह नहीं पाएंगे। दिल की बात दिल में ही रह जाएगी।जो लोग बहुत ज्यादा झूठ बोलते हैं, उनका ये चक्र असंतुलित हो जाता है। तो इसको बैलेंस करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप झूठ न बोलें। भ्रामरी प्राणायाम अगर आप 3 – 4 मिनट भी कर लेते हैं तो ये चक्र आपका बैलेंस रहेगा। इस चक्र का रंग नीला है, इसलिए बेहतर होगा कि आप इसे बैलेंस रखने के लिए जूस ज्यादा से ज्यादा पियें, आपके लिए गुनगुना पानी, हर्बल टी, बेहतर रहेगा।
शरीर का छठा चक्र है त्रिनेत्र चक्र। अगर आपका त्रिनेत्र चक्र बैलेंस है तो आपके जीवन में भी एक बैलेंस होगा। दिल और दिमाग के बीच सामंजस्य होगा। एक समानता होगी। ये चक्र जब भी बैलेंस होगा तो आपका मन, अध्यात्म की तरफ चलेगा। आपका मन जो है, वो नयी नयी शक्तियां पाने के लिए तैयार होगा या मैडिटेशन करने का आपका दिल करेगा।

ये चक्र अगर बैलेंस होगा तो आपकी पूर्वाभास की शक्ति भी अच्छी होगी। सामनेवाले व्यक्ति का आप मनःस्थिति समझ पाएंगे। घटनाओं का आपको पहले से ही आभास हो जाएगा। टेलिपैथी की शक्ति भी इसीसे डेवलप होती है। त्रिनेत्र चक्र जब बिगड़ जाता है, तो उस व्यक्ति की स्थिति बहुत खराब हो जाती है। वो बेचैन हो उठता है। पागलों की तरह व्यवहार करने लगता है। कभी भी किसी एक बात पर टिकता नहीं है। कभी किसी बात के पीछे दौड़ता है तो कभी किसी और बात पर। उसका मन शांत नहीं रहता है। नींद गड़बड़ हो जाती है। ये पहचान है त्रिनेत्र चक्र के बिगड़ने का। इसको बैलेंस करने के लिए क्या करना चाहिए ? इसको बैलेंस करने के लिए ब्रेथिंग मेडिटेशन जरुरी है। अगर आप 10 मिनट के लिए ब्रेथिंग मेडिटेशन कर सकते हैं, तो वो सीधे आपके इस चक्र को बैलेंस कर देता है। अगर आपके कोई गुरु हैं या ईस्ट हैं, तो उनका ध्यान किया जाना चाहिए।
इस चक्र को बैलेंस करने के लिए आपको डार्क कलर के फल और सब्जियों का इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा जैसे जामुन, काला अंगूर, फ्लैक्स सीड्स, पॉपी सीड्स आदि।


इसके बाद आता है क्राउन चक्र। क्राउन चक्र आपकी चेतना का शिखर है। यहां पूरी तरह शिवत्व की अवस्था उपलब्ध हो जाती है। अगर आपका ये चक्र बैलेंस है। वैसे ज्यादातर लोगों में करीब 95 फीसदी लोगों का ये बैलेंस ही होता है। ये चक्र तभी बिगड़ता है, जब आप कोई घिनोना अपराध करते हैं। आप किसी की बद्दुआ लेते हैं। आप अपने माता-पिता या गुरु का अपमान करते हैं। तब ये चक्र बिगड़ जाता है। इस चक्र के बिगड़ने का मतलब है कि आप अपने जीवन का उद्देशय ही खो देते हैं। तो ऐसा नहीं होना चाहिए। किसी की बद्दुआ न लें । बड़े जनों का सम्मान करें। उनका हाथ अपने सिर पर लें। उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। उनके आगे झुकें। तो ये चक्र ऐसे ही बैलेंस रहेगा।

परोपकार करें। लोगों की दुआएं लें।जब ये चक्र बिगड़ा होता है तो बहुत बुरी हालत होती है। याद रखें, ये जड़ है। ये अगर बिगड़ गया तो, सारे के सारे चक्र ही गड़बड़ हो जाते हैं। अगर ये चक्र बैलेंस होगा, तो आपके जीवन में एक मोटिवेशन होगा। आपका जीवन आपको प्रेरित करेगा कि कुछ करो, आगे बढ़ो। ये हमेशा आपको ऊपर उठने की प्रेरणा देगा। आपको अपने लक्ष्य तक पंहुचने के लिए प्रेरित करेगा। आपको आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करता रहेगा। अगर ऐसा है तो आपका ये चक्र बैलेंस है और अगर इस चक्र में सेंसेशन भी फील हो रहा है तब तो समझ लीजिये कि ये बहुत अच्छे से काम कर रहा है। इसे बैलेंस करने के लिए जरुरी है कि आप फास्टिंग करें और अपने शरीर को डीटॉक्सीफाई करते रहें।