पटना। मंगलवार को बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान विधान परिषद में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने टीईटी(शिक्षक पात्रता परीक्षा) परीक्षार्थियों को बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने सदन में कहा कि कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षक नियुक्ति से जुड़ी टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता 7 साल से बढ़ाकर आजीवन कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 29 अगस्त को एनसीटीई की बैठक में इसका निर्णय लिया गया था। हालांकि इसका लाभ 29 अक्टूबर 2020 के बाद होने वाली टीईटी परीक्षाओं में पास अभ्यर्थियों को ही मिल पाएगा। इससे पहले जो टीईटी परीक्षाएं हुई, उसमें जो अभ्यर्थी पास हुए हैं। उन्हें 7 साल की वैधता ही मिली है । पूर्व में पास अभ्यर्थियों को लेकर सरकार ने कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। पूरा मामला फिलहाल विधि विभाग में परामर्श के लिए विचाराधीन है।
एसटीईटी अभ्यर्थियों को राहत नहीं
एसटीईटी अभ्यर्थियों के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से कोई राहत नहीं मिली है। 2012 में एसटीईटी परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की पात्रता की वैधता 7 साल से बढ़ा दी गई थी, सरकार ने इसे 2 साल बढाया था। यह निर्णय जून 2019 में सरकार ने लिया था। इन अभ्यर्थियों की पात्रता 2021 तक कर दी गई थी। 30,020 शिक्षकों की नियुक्ति में दिव्यांग जनों को 4% आरक्षण के प्रावधान पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि संबंधित मामला न्यायालय में दायर है। कोर्ट से नियोजन की कार्रवाई पूर्ण करने की अनुमति मांगी गई है।