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इथेनॉल उत्पादन से राज्य में औद्योगीकरण को मिलेगा बढ़ावा, लोगों को मिलेगा रोजगार : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री के समक्ष उद्योग विभाग की प्रस्तावित इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021 से संबंधित प्रस्तुतीकरण

इथेनॉल के उत्पादन में नये निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रस्ताव को तेजी से अंतिम रुप दें।

ओडिशा में बंदरगाह स्थापित करने के लिये विशेषज्ञों की सलाह लें। बंदरगाह निर्माण से भविष्य में बिहार को काफी फायदा होगा।

पटना. मुख्यमंत्री के समक्ष 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में उद्योग विभाग ने प्रस्तावित इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021 से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने अपने प्रस्तुतीकरण में राज्य में इथेनॉल उत्पादन की संभावनाओं एवं इथेनॉल उत्पादन को बढावा देने हेतु तैयार किये गये प्रस्ताव के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2006 से ही काफी प्रयास किये गये हैं। वर्ष 2006-07 में हमलोगों के प्रस्ताव को उस समय की केंद्र सरकार ने अगर मान लिया होता तो बिहार में उद्योग की कुछ और ही स्थिति होती। अब केंद्र सरकार ने इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करने निर्णय लिया है। इसका लाभ अब राज्य को मिलेगा और भविष्य में बिहार को काफी फायदा होगा। बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, वर्ष 2016 में कई चीजों का प्रावधान किया गया है, जिससे निवेशकों को सहूलियत हो। राज्य में फूड प्रोसेसिंग, वुड इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर इंडस्ट्री, कपड़ा उद्योग में काफी संभावनाएं हैं, जिस पर काम किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना और मक्का से राज्य में इथेनॉल के उत्पादन की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इथेनॉल के उत्पादन में नये निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रस्ताव को तेजी से अंतिम रुप दें। इस नीति के अंतर्गत केवल ईंधन ग्रेड इथेनॉल बनाने वाली वैसी ईकाईयों को ही शामिल करें जो उत्पादित इथेनॉल का सौ प्रतिशत आॅयल कंपनीज को देना सुनिश्चित करे। इथेनॉल उत्पादन इंडस्ट्री स्थापित होने से राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में लाॅकडाउन के दौरान बाहर से आये बिहार के श्रमिकों द्वारा गारमेंट्स निर्माण इत्यादि का अच्छा कार्य किया जा रहा है। ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने के लिये भी उद्योग विभाग समुचित कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण के अनुकूल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग तेजी से काम करे। उन्होंने कहा कि ओडिशा में बंदरगाह स्थापित करने के लिये विशेषज्ञों की सलाह लें। बंदरगाह निर्माण से भविष्य में बिहार को काफी फायदा होगा।
बैठक में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, गन्ना उद्योग सह विधि मंत्री प्रमोद कुमार, मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव उद्योग ब्रजेश मेहरोत्रा, अपर मुख्य सचिव गृह सह मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन चैतन्य प्रसाद, प्रधान सचिव वित्त एस0 सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, प्रधान सचिव गन्ना उद्योग, एन0 विजयालक्ष्मी, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा एवं मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे।