अरविन्द केजरीवाल ने कायस्थों पर जताया भरोसा। नई दिल्ली, मुकेश महान। कायस्थ एक बौद्धिक जाति है और इतिहास बताता है कि हमेशा से कायस्थों ने राष्ट्रनिर्माण में अपनी महथी भूमिका अदा की है। और आज फिर से राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए कायस्थों की जरूरत आन पड़ी है।
उन्होंने कहा कि मैं कायस्थ समाज से आहवान करता हूं कि शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर वो देश भर में अभियान चलाएं और सभी राज्यों की सरकारों को विवश करें कि सरकारी स्कूल और सरकारी अस्पताल दिल्ली की तर्ज पर विकसित हो ताकि प्राइवेट स्कूल से छात्र और प्राइवेट अस्पतालों से मरीज सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में वापस लौटें।
ये आहवान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस द्वारा आयोजित कायस्थ सम्मेलन में भारी संख्या में उपसिथत कायस्थों के बीच कर रहे थे। श्री केजरीवाल 19 दिसंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टैडियम में कायस्थों का महाकुंभ विश्व कायस्थ महासम्मेलन में अपना उद्घाटन भाषण दे रहे थे। अपना भाषण शुरु करने के पहले केजरीवाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि कायस्थों के सम्मेलन में आपने एक बनिया को बुलाय यह आश्चर्यजनक है।
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जीकेसी के इस आयोजन में उन्होंने कहा कि चाहे आजादी की लड़ाई हो, या स्वतंत्रता के बाद से अबतक का कालखंड। कायस्थ हमेशा और हर क्षेत्र में अग्रणी बूमिका में रहे हैं और फिर से आज उनको अग्रणी भूमिका में आने की जरूरत है।उनको अपना राजनीतिक हक लेने के साथ साथ समाज और सरकार को दिशा देने की जरूरत है।