पटना. ज्ञान भवन में 109 वें बिहार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुये । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 109 वें बिहार दिवस के अवसर पर आप सभी बिहारवासियों को बधाई देता हूं । आज के इस अवसर पर बिहार के गौरव से जुड़ी कई बातों की चर्चा सभी वक्ताओं ने संक्षेप में की है । उन्होंने कहा कि जब से बिहार में हमलोगों को काम करने का मौका मिला हमलोगों ने बिहार दिवस मनाने के लिए विस्तृत चर्चा शुरू की । अंग्रेजों ने बिहार को अलग प्रांत के रुप में 22 मार्च 2012 को नोटिफाई किया । इसके आधार पर हमलोगों ने 22 मार्च को बिहार दिवस मनाना निश्चित किया । वर्ष 2010 में हमलोगों ने पटना के गांधी मैदान में भव्य बिहार दिवस मनाकर कार्यक्रम की शुरुआत की । वर्ष 2012 में 100 साल पूरे होने पर बिहार दिवस खास तरीके से आयोजित किया गया था ।
जब सभी लोग शिक्षित होंगे तभी बिहार फिर से गौरवशाली इतिहास को प्राप्त करेगा , बिहार फिर से आगे बढ़ेगा और देश भी आगे बढ़ेगा । हमलोगों ने लड़कियों के पढ़ने के लिए पोशाक एवं साईकिल योजना शुरु की । राज्य की आबादी बढ़ रही है , क्षेत्रफल सीमित है । राज्य में प्रजनन दर को घटाने के लिए लड़कियों को शिक्षित करना जरुरी है । हर ग्राम पंचायत में प्लस -2 की पढ़ाई के लिए उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जा रही है । मैट्रिक की परीक्षा में लड़के – लड़कियों की भागीदारी अब बराबर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो बिहार के गौरवशाली इतिहास को एक बार फिर से प्राप्त कर लेंगे और बिहार के साथ देश और पूरी दुनिया में अपनी पहचान पुनर्स्थापित कर लेंगे । उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कार्य किए गए हैं । सड़क , पुल – पुलियों का निर्माण किया गया है । शहरों के अंदर बाईपास का निर्माण कराए जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है । लोगों को तकनीक के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है ।
प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में भी कई कार्य किए गए हैं । लोक सेवा के अधिकार कानून से लोगों को सहूलियत हो रही है । लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के माध्यम से लोगों की शिकायतों का निवारण हो रहा है । मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग को इस बात के लिए बधाई देते हैं कि बिहार दिवस के अवसर पर इस बार का थीम जल – जीवन – हरियाली को रखा गया । पर्यावरण संरक्षण के लिए 13 जुलाई , 2019 को सभी विधायकों एवं विधान पार्षदों के साथ बैठक हुई थी जिसमें जल – जीवन – हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया गया । जल – जीवन – हरियाली अभियान का मतलब है जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है । इस अभियान के तहत 11 अवयवों को शामिल किया गया है । इसमें सात योजनाएं जल संरक्षण से संबंधित हैं , एक योजना वृक्षारोपण से , एक योजना मौसम के अनुकूल कृषि से , एक योजना सौर ऊर्जा से तथा एक योजना इस अभियान के प्रति लोगों को जागृत करने से है । मुख्यमंत्री ने कहा कि जल – जीवन – हरियाली अभियान के अंतर्गत 16,229 जल स्त्रोतों , तालाब , आहर , पईनों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है । 6 एकड़ तक 8,426 तालाब , 5 एकड़ से बड़े 696 तालाब , 17,917 आहर , पईन का जीर्णोद्धार तथा 10,169 सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार किया गया है । कुओं के पास 13,802 तथा चापाकल के पास 1 लाख 7 हजार 500 सोखता का निर्माण कराया जा चुका है । छोटी नदियों एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 8,588 चेक डैम संरचनाओं का निर्माण कराया गया है । 12,101 नए जल स्त्रोतों का निर्माण कराया गया । गंगा जल उद्वह योजना का काम तेजी से किया जा रहा है । 14,136 सरकारी भवनों में छत वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया गया है । 5 जून 2020 से 9 अगस्त तक 2 करोड़ 1 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था , लेकिन 3 करोड़ 90 लाख से ज्यादा वृक्षारोपण किया गया । 941 सरकारी भवनों पर सौर उर्जा के संयंत्र स्थापित किए गए हैं । बिहार में किए जा रहे कार्यों के संबंध में देश के बाहर भी चर्चाएं होती हैं । यूनाइटेड नेशंस में भी चर्चा हुई । 24 सितंबर 2020 को उच्च स्तरीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जल – जीवन – हरियाली अभियान के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुझे भी अपनी बात रखने का मौका मिला था । इस कॉन्फ्रेंस में कई देशों के प्रधानमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया था । हमलोग अपना काम करते रहते हैं प्रचार नहीं करते हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा जल उवह योजना के अंतर्गत बोधगया,गया,राजगीर और नवादा में सभी घरों में गंगा जल को शुद्ध पेयजल के रुप में उपलब्ध कराया जाएगा । मौसम अनुकूल कृषि कार्य को बढ़ावा दिया जा रहा है । बिहार के 8 जिलों से इसकी शुरुआत की गई है । अब सभी जिलों में विशेषज्ञों को लगाकर इस पर काम किया जा रहा है । फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर काम किए जा रहे हैं । सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काम किए जा रहे हैं । हर माह के पहले मंगलवार को जल – जीवन – हरियाली को लेकर अद्यतन स्थिति पर चर्चा की जाती है । जीविका समूहों को पोखर एवं तालाबों को देखने की भी जिम्मेदारी दी जा रही है । उन्होंने कहा कि बिहार दिवस पर बापू की चर्चा जरुरी है । बापू ने कहा था कि मेरा जीवन ही मेरा संदेश है । अगर बापू के विचारों को 10 से 15 प्रतिशत लोग अपना लें तो बिहार भी आगे बढ़ेगा और देश भी आगे बढ़ेगा । वर्ष 1917 में बापू बिहार आए थे और 30 सालों के बाद ही देश आजाद हो गया । बापू की इच्छा थी कि शराबबंदी हो , नशाबंदी हो । महिलाओं की मांग पर ही हमने राज्य में शराबबंदी लागू की । शराबबंदी को लेकर सभी को सचेत रहना है , क्योंकि कुछ गड़बड़ करने वाले लोग लगे रहते है । आज के दिन को अंतर्राष्ट्रीय जल संरक्षण दिवस के रुप में मनाया जा रहा है और हमलोग बिहार दिवस मना रहे हैं । हमलोग जल के संरक्षण एवं हरियाली बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं । बिहार से झारखंड अलग हुआ तो बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत था । वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरूआत की गई । 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया जिसमें से 19 करोड़ पौधे लगाए गए । अब राज्य का हरित आवरण बढ़कर 15 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी कार्यक्रमों में राज्यगीत जरुर गाए जाएं ताकि सभी के मन में बिहार के प्रति सम्मान का भाव पैदा हो । मुख्यमंत्री ने कहा कि कई देशों में तथा देश के कुछ राज्यों में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है । अपने यहां भी कोरोना के मामले कुछ बढ़े हैं । होली को देखते हुए हम सभी लोगों को और सतर्क रहने की जरुरत है । हम अपील करते हैं कि कोरोना को लेकर सभी लोग सजग और सचेत रहें । कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया । कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, अपर मुख्य सचिव , शिक्षा संजय कुमार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में नेक संवाद में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार , मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार , मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा , मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे , जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों से जनप्रतिनिधिगण , मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह , विकास आयुक्त आमिर सुबहानी , राज्य परियोजना के निदेशक संजय सिंह सहित शिक्षा विभाग के अन्य पदाधिकारीगण , प्रमंडलीय आयुक्तगण , सभी जिलों के जिलाधिकारीगण , अन्य पदाधिकारीगण , शिक्षकगण , छात्रगण , जीविका दीदियां एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुए थे