International Day against Drug Abuse and Illicit Trafficking
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कोरोना में बेरोजगारी-लाचारी और घरेलू हिंसा ने पसारे अपने पांव

अभी हाल ही में 26 जून 2021 को अंतर्राष्ट्रीय नशा (International Day against Drug Abuse and Illicit Trafficking ) व इसके अवैध कारोबार विरोध दिवस मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय नशा व इसके अवैध कारोबार विरोध दिवस (International Day against Drug Abuse and Illicit Trafficking ) के मायने कोरोना काल में अलग तो है ही, इसके महत्व भी कोरोना काल में बढ़ जाते हैं।

कोरोना काल में बेरोजगारी-लाचारी और घरेलू हिंसा ने तो अपने पांव पसार ही लिये। बच्चों व युवाओं के समक्ष उनके करियर व शिक्षण से जुड़े टीस भी महसूस किये जा सकते हैं। हम हर बार तनाव से निपटने के लिए आसान मगर कम टिकाऊ और सुनी-सुनायी बातों पर यकीन कर बैठते हैं। कभी सिगरेट के कश में गम को उङाते हैं। बीङी की एक फूंक से रिश्ते को अहमियत और जिम्मेदार कंधे को मजबूती देने की कोशिश कर नशे के जद में चले आते हैं।

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खैनी, गुटका और पान-मसाले यह सब हमारे टेंशन को कम करते हैं।इस गलत विश्वास के साथ हम बड़े-बच्चों व युवाओं को भी फेंसिडील, व्हाइटनर-इरेजर, शू-पौलिस और न जाने वैसे अनगिनत नशे को अपनी कोख से जन रहें और विरासत के लिए आबाद भी कर रहें हैं। हम बङे भी जाने -अनजाने नशे को ही तनाव से उबरने का साधन समझ कर हमेशा भूल कर बैठते हैं। जबकि हमारे सोशल सिस्टम इतने कमजोर कभी नही हुआ करते थे।हम मिल-बांट कर आपसी भावनाओं को समझते रहें हैं और लोगों के दुःख में शरीक होकर मजबूत स्तंभ भी बनते रहे हैं।

आज बिहार में शराब बंद है तो नशे के नये-नये किस्में युवाओं के बीच पॉपुलर हो रहा है।गांजा-भांग की खपत बढी है। नशा लेने वालों से नफरत अब भी व्याप्त है। सोशल सिस्टम को फिर से इस वैश्विक महामारी में मजबूती से उभार नशा लेने वाले को सामूहिक रुप से मदद के लिए आगे आना होगा।पुलिस-प्रशासन और आम जनता , चिकित्सकों के साथ तालमेल बिठा लें तो हम समाज को नशे और इससे उत्पन्न गलत व्यवहार को जङ से समाप्त कर सकते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि परिवार व समाज प्रमाण आधारित चिकित्सा पर जोर दें।

मसलन मरीज में नशा लेना एक सीखा हुआ व्यवहार है। इसके लिए नशे से पीड़ित के सभी लक्षणों के अवलोकन किये जायें।पीङीत व्यक्ति के साथ मानवीय मूल्यों के साथ व्यवहार करना अच्छे परिणाम देता है। परिवार को कभी भी नशा लेनेवाले को घृणा से नही देखना और उनका पूर्ण सहयोग देना चाहिए। परिवार का यह व्यवहार नशा लेने वाले को एक मजबूत स्तंभ देता है। इससे सोये हुए आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को पुनः प्राप्त करने में मरीज को सहूलियत होती है।


डॉ॰ मनोज कुमार

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.