महाशिवरात्रि पर्व पर ही भगवान शिव जी और माता पार्वती जी का विवाह संपन्न हुआ था ओर हर वर्ष यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन शिवलिंग पर भगवान शिव को प्रिय चीजें चढ़ाई जाती हैं। इसके अलावा कुंवारी कन्याएं अच्छा और मनचाहा पति पाने के लिए इस दिन विशेष पूजा अर्चना करती हैं। यही नहीं इस दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए भी विशेष उपाय किए जाते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन शिवजी के सिद्ध स्थान जैसे उज्जैन महाकाल मंदिर एवं नासिक त्रियम्बकेश्वर मंदिर पर कालसर्प योग की शांति करा लेने से विशेष शुभ फल प्रदान होता है
इस दिन कालसर्प दोष निवारण के विभिन्न उपाय विद्वानों द्वारा कराए जाते हैं। इस दोष की शांति विधानानुसार किसी योग्य अनुभवी, विद्वान ब्राह्मण, कुलगुरु या पुरोहित से करवा लेने से दोष शांत हो जाता है।
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इस दिन भगवान गणेश जी केतु की पीड़ा शांत करते हैं एवं सरस्वती देवी पूजन-अर्चन करने वालों की राहु के अनिष्ट से रक्षा करती हैं। साथ ही भैरवाष्टक का इस दिन 108 बार पाठ करने से कालसर्प दोष से शांति मिलती है। और कालसर्प दोष के समाप्त होने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
इस दिन ऊन के लाल आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से नागगायत्री मंत्र का जप करने से कालसर्प दोष के कष्टों से छुटकारा मिलता है, किन्तु नागगायत्री मन्त्र 108 दिन तक निरंतर जप करने से ही लाभ होता है। जप के समय शिवजी के समक्ष शुद्ध घी का दीपक अवश्य जलते रहना चाहिए। इसी दिन से सर्पसूक्त का नित्य एक पाठ करने से कालसर्प दोष निवारण में सफलता मिलने लगती है। और 108 दिनों तक संकल्पित जप करने से बिगड़े कार्य बनने लगते हैं ।
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इस दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए सुबह शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव को धतूरा चढ़ाएं इसके बाद ॐ नमः शिवाय मन्त्र का जाप करें। इस दिन चाँदी के नाग-नागिन के जोड़े को शिवलिंग पर अर्पित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
आप को किसी प्रकार की शारीरिक पीड़ा है तो किसी योग्य ब्राह्मण से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करवाना चाहिए। इस दिन मांगलिक दोष भी दूर किया जा सकता है ।शिवरात्री की आधी रात को शिव पूजन करने व शिव को प्रिय बेलपत्र, भांग, धतूरा, जल, दूध, दही, घी, शहद आदि अर्पण करने से मांगलिक दोष दूर होता है। रात की पूजन किसी योग्य और विद्वान ब्राह्मण के द्वारा ही करवाएं।
पवन कुमार शास्त्री
(लेखक से मो 9430844334 पर सम्पर्क किया जा सकता है)