नई दिल्ली। सोमवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद किए गए इस सर्वेक्षण में सभी वर्ग से लगभग 1,200 लोगों को शामिल किया गया था।
एक सवाल का जवाब देते हुए, 50.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पिछले एक साल में उनके अपने जीवन की समग्र गुणवत्ता खराब हो गई है। पिछले साल के बजट के बाद यही सवाल पूछे जाने पर लगभग 31.3 फीसदी लोगों ने ऐसी ही बात कही थी।
पिछले बजट की तुलना में, 2015 में 27.2 प्रतिशत लोगों ने यही जवाब दिया, जबकि 2016 में 31.4 प्रतिशत, 2017 में 32 प्रतिशत, 2018 में 42.4 प्रतिशत और 2019 में 28.7 प्रतिशत लोगों ने यही विचार व्यक्त किए।
सर्वे में लगभग 21.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पिछले एक साल में उनके जीवन की गुणवत्ता समान बनी हुई है, जो आश्चर्यजनक है क्योंकि कोविड-19 महामारी ने पिछले एक वर्ष से सभी वर्गों के लोगों को प्रभावित किया है।
वर्ष 2020 में, एक ही राय रखने वाले लोगों की संख्या 32.1 प्रतिशत थी, जबकि लगभग 26 प्रतिशत लोगों ने 2019 में यही राय व्यक्त की थी।
वर्ष 2015 के बजट के बाद, 38.1 प्रतिशत ने एक ही उत्तर दिया, जबकि 2016 में 39.5 प्रतिशत, 2017 में 32.9 प्रतिशत और 2018 में 33.4 प्रतिशत ने समान विचार व्यक्त किए।
कुल 17.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि पिछले एक साल में उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ, जबकि 10.7 प्रतिशत ने कहा कि वे इस मामले पर कुछ भी नहीं जानते या कह नहीं सकते।