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महेंद्र मिश्र को संगीतमय श्रद्धांजलि है “थाती”- आलोक पांडेय


स्वास्थ्य मंत्री ने किया “थाती” का विमोचन
सीवान । भोजपुरी फिल्मों और संगीत में एक से एक बेहतरीन गीत बने है। लेकिन इन सबके बावजूद बिहार के लोक संगीत के सबसे बड़े हस्ताक्षर महेंद्र मिश्र की रचनाओं का सार्थक उपयोग नही हो पाया है। महान गीतकार कवि महेंद्र मिश्र ने गांव जवार से जुड़े सामाजिक सांस्कृतिक मुद्दों पर सामाजिक लोकाचार पर संस्कृति पर कई अविस्मरणीय रचनाये लिखी है। मैंने उन रचनाओं को स्वर देकर महेंद्र मिश्र जी को संगीतमय श्रधांजलि देने का प्रयास किया है। इस स्वर संग्रह को मैंने “थाती” का नाम दिया है। ये बाते सिवान के सपूत और लोक गायकी में सशक्त पहचान बनाने वाले आलोक पांडेय गोपाल ने प्रेस से बात करते हुए कही। उन्होंने बताया कि 14 मार्च को स्वर्गीय महेंद्र मिश्र को समर्पित संग्रह “थाती” का विमोचन दीप प्रज्वलित स्वाथ्य मंत्री मंगल पांडेय और सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने किया है। ये विमोचन तीन दिवसीय 136 वां स्व.महेन्दर मिसिर जन्मोत्सव कार्यक्रम , जलालपुर हाई स्कूल(छपरा) के प्रांगण में हुआ। मेरे इस “थाती” को बिहार और देश की जनता का आशीर्वाद मिले इसके लिए प्रयास कर रहा हु। मैं सिवान के उज्जैन बंगरा का रहने वाला हु तो सिवान का मान सम्मान देश दुनिया मे बढ़े इसके लिए लगातार प्रयास करता रहता हूं। स्वर्गीय महेंद्र मिश्र जी के गीतों को धून दिया है मेरे पिता और गुरु पंडित श्री रामेश्वर पाण्डेय (संगीताचार्य) जी ने और स्वरबद्ध मैंने खुद किया है। सुर संग्राम के फाइनल में पहुचने और दुरदर्शन के किसान चैनल के माटी के लाल का विजेता बनने के बाद मुझे बार बार लग रहा था कि लोक गीतों और उनके रचयिताओ के लिए कुछ करू जिसके बाद थाती के रूप में ये संग्रह सामने आया है।