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सरकार पर बरसे महागठबंधन का नेता, बंद कराया आरा



आरा। बिहार विधानसभा में लोकतंत्र का चीरहरण, विधायकों की पिटाई, बेरोजगारी, महँगाई, किसान बिल, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस अधिनियम-2021 सहित अन्य जन सरोकार से जुड़े मुद्दों को लेकर आहूत महागठबंधन का बिहार बंद कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय जनता दल, भोजपुर जिला इकाई द्वारा भोजपुर जिला मुख्यालय के आरा में बंद कराया गया।
अहले सुबह ही राजद कार्यकर्ता ज़िलाध्यक्ष वीरबल यादव के नेतृत्व में आरा रेलवे स्टेशन परिसर में इकट्ठा हुए और वहाँ से मार्च करते हुए नवादा चौक के रास्ते मठिया मोड़ होते हुए सदर अस्पताल रोड से गोपाली चौक की तरफ़ बढ़े। आगे बढ़ते हुए नगर थाना के समीप राजद कार्यकर्ताओं सहित अन्य महागठबंधन नेताओं की पुलिस द्वारा गिरफ़्तारी कर ली गयी। मौके पर राजद कार्यकर्ताओं ने नीतीश सराकर के विरुद्ध जमकर नारेबाज़ी की।
होली को लेकर की गई शांति समिति की बैठक
मौक़े पर ज़िलाध्यक्ष वीरबल यादव ने कहा की सूबे के मुखिया नीतीश कुमार लाठी के बल पर बिहार चलाना चाहते हैं। सदन से लेकर सड़क तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पुलिसिया दमन और लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। जनतंत्र में जनता मालिक होती है। सत्ता किसी की बपौती नहीं है। विधानसभा के अंदर माननीय विधायकों और पटना की सड़कों पर राजद कार्यकर्ताओं के साथ जिस तरह का दुर्व्यवहार और मारपीट की गई वह पूर्णत: आलोकतांत्रिक है।
वहीं राजद बिहार प्रदेश सचिव मनोज सिंह ने कहा की बिहार में अफ़सरशाही चरम पर है। लोकतंत्र में जनता मालिक होती है। लेकिन जनता का ही नहीं सुना जा रहा है। छात्र-नवजवानों के साथ अन्याय हो रहा है। नौकरी के नाम पर लाठी मिल रही है। सरकार 19 लाख रोज़गार देने के वायदे से भी मुकर रही है। ऐसी निकम्मी सरकार की ज़रूरत बिहार को नही है।
वहीं राजद भोजपुर जिला प्रधान महासचिव रामबाबू पासवान ने कहा की वर्तमान बिहार सरकार हो चाहे केंद्र की सरकार इन दोनो सरकारों से हर वर्ग परेशान है। व्यापारी, महिला, छात्र, किसान सब परेशान है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ राजद नेता कपिलदेव अकेला, हीरा ओझा, प्रदेश सचिव मनोज सिंह, प्रधान महासचिव रामबाबू पासवान, युवा राजद ज़िलाध्यक्ष अरुण सिंह यादव, जगदीश कुशवाहा, ज़िप अध्यक्ष आरती देवी, शैलेंद्र राम, छात्र नेता आलोक रंजन, मुकेश सिंह यादव, असमंजस यादव, विनोद चंद्रवंशी, नुरूल हक़ राइन, बबलू ठाकुर, छोटू यादव, एकराम आलम, रघुवर चंद्रवंशी, भूनेश्वर यादव समेत कई लोग उपस्थित थे।