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सफलता दिलाती है विजया एकादशी


इसबार विजया एकादशी है 9 मार्च, 2021 दिन मंगलवार को

हिन्दू धर्म में एकादशी को महत्वपूर्ण तिथि माना गया है, इसलिए विजया एकादशी का भी धार्मिक रूप से बड़ा महत्व है। विजया एकादशी के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जो भी सच्चे मन से और विधि विधान से व्रत करता है उसके जीवन में सफलता मिलती है। आइए आप भी जानें इस व्रत की पूजा विधि, व्रत कथा और इसकी संपूर्ण जानकारी। इसबार 9 मार्च, 2021 दिन मंगलवार को है.
विजया एकादशी पारणा मुहूर्त – 06:37:14 से 08:59:03 तक
अवधि – 2 घंटे 21 मिनट तक का है।
विजया एकादशी व्रत एवं इसकी पूजा विधि इस प्रकार है।

  • एकादशी से एक दिन पूर्व एक वेदी बनाकर उस पर सप्त धान्य रखें।
  • सोने, चांदी, तांबे अथवा मिट्टी का कलश उस पर स्थापित करें।
  • एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
  • पंचपल्लव कलश में रखकर भगवान विष्णु की मूर्ति की स्थापना करें।
  • धूप, दीप, चंदन, फल, फूल व तुलसी आदि से श्री हरि की पूजा करें।
  • उपवास के साथ-साथ भगवन कथा का पाठ व श्रवण करें।
  • रात्रि में श्री हरि के नाम का ही भजन कीर्तन करते हुए जगराता करें।
  • द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन आदि करवाएं व कलश को दान कर दें।
  • तत्पश्चात व्रत का पारण करें।
    व्रत से पूर्व सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस प्रकार विधि पूर्वक उपवास रखने से उपासक को कठिन से कठिन हालातों पर भी विजय प्राप्त होती है।

विजया एकादशी का महत्व
सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे प्राचीन माना जाता है। पद्म पुराण के अनुसार स्वयं महादेव ने नारद जी को उपदेश देते हुए कहा था कि, ’एकादशी महान पुण्य देने वाली होती है’। कहा जाता है कि जो मनुष्य विजया एकादशी का व्रत रखता है, उसके पितृ और पूर्वज कुयोनि को त्याग स्वर्ग लोक जाते हैं। साथ ही व्रती को हर कार्य में सफलता प्राप्त होती ही है और उसे पूर्व जन्म से लेकर इस जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है।

पवन कुमार शास्त्री
9430844334