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कब है मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त


पवन कुमार शास्त्री

जाने क्या है मौन व्रत और इसका महत्व
हमारे व्रत-मौनी अमावस्या- 11 फरवरी 2021

हिन्दी पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को हिंदुओं का महत्व पूर्ण व्रत माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या मनाया जाता है। इस वर्ष मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या 11 फरवरी दिन गुरुवार को है।अमावस्या के दिन लोग गंगा, नर्मदा, क्षिप्रा या अन्य पवित्र तीर्थ क्षेत्र में स्नान करते हैं। पीपल के वृक्ष तथा भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने की भी परंपरा है। कहा जाता है कि मौनी शब्द की उत्पत्ति मुनि शब्द से हुई है। मौनी अमावस्या को मौन व्रत रखने से व्यक्ति का आत्मबल दृढ़ होता है। मान्यताओं के अनुसार, माघी अमावस्या के दिन ही मनु का जन्म हुआ था, जिनको प्रथम पुरुष भी कहा जाता है।
इस बार मौनी अमावस्या का मुहूर्त
माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 10 फरवरी को देर रात 01 बजकर 08 मिनट से शुरू हो रहा है, जो 11 फरवरी को देर रात 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। ऐसे में उदया तिथि 11 फरवरी को प्राप्त हो रही है, ऐसे में मौनी अमावस्या 11 फरवरी को ही मनाया जाएगा। 11 फरवरी को ही मौनी अमावस्या का स्नान, दान, व्रत, पूजा-पाठ आदि किया जाएगा।
मौनी अमावस्या का अपना ​एक विशेष महत्व है। इस दिन संभव हो सके तो गंगा, नर्मदा,क्षिप्रा या किसी पवित्र सरोवर में स्नान करें।

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पवन कुमार शास्त्री

फिर व्रत रखकर पूरे दिन मौन रहें। इससे आपका आत्मबल मजबूत होगा।पवित्र स्नान के बाद लोगों को तिल के लड्डू, तिल, तिल का तेल, वस्त्र, आंवला आदि दान करें। जरूरतमंद लोगों को सर्दी के वस्त्र, कंबल आदि भी दान करना उत्तम होता है।
इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का भी विशेष महत्व है।
धार्मि​क मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। कहा जाता है कि पीपल के तने में भगवान शिव, जड़ में भगवान विष्णु तथा अग्रभाग में ब्रह्मा जी का वास होता है। ऐसे में पीपल के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव तीनों की ही कृपा प्राप्त होती हैं।
अमावस्या के दिन पिंडदान-
किसी भी अमावस्या के दिन पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान आदि करने का विधान है। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और वे सुख, समृद्धि और वंश वृद्धि का आशीष देते हैं।