जिला मुख्यालय स्थित श्री कृष्ण सिंह स्मृति भवन के प्रांगण में औरंगाबाद हिन्दी साहित्य सम्मेलन ,औरंगाबाद के तत्वावधान में आयोजित सम्मान सम...
विमर्श

औरंगाबाद हिन्दी साहित्य सम्मेलन सम्मानित किया तीन साहित्यकारों को

सम्मानित होने वालों में वरीय साहित्यकार डॉ. रामनाथ सिंह रमा,अरविंद अकेला एवं नागेंद्र केसरी थे

औरंगाबाद, संवाददाता। जिला मुख्यालय स्थित श्री कृष्ण सिंह स्मृति भवन के प्रांगण में औरंगाबाद हिंदी साहित्य सम्मेलन ,औरंगाबाद के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में औरंगाबाद जिला के तीन साहित्यकारों डॉ.रामनाथ सिंह “रमा”,अरविंद अकेला एवं नागेन्द्र केसरी को बड़े हीं हर्ष-उल्लास के साथ सम्मानित किया गया।
ज्ञात हो कि पिछले रविवार को राजधानी पटना में बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 42 वें अधिवेशन में आयोजित सम्मान समारोह में बिहार के कुल 48 साहित्यकारों को शामिल किया गया था जिसमें औरंगाबाद जिला के तीन साहित्यकार डॉ. रामनाथ सिंह रमा,अरविंद अकेला एवं नागेन्द्र केसरी शामिल थे।
बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 42 वें अधिवेशन के सम्मान समारोह में सम्मानित किए जाने के निमित्त सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार रामनाथ सिंह,चर्चित कवि एवं लेखक अरविंद अकेला एवं आधुनिक काव्य के प्रखर कवि नागेंद्र केसरी के सम्मानित किए जाने पर पूरा औरंगाबाद जिला का साहित्यिक जगत हर्षित एवं गौरवान्वित है। तीनों ही साहित्यकारों को पुष्पगुच्छ,अंग वस्त्र एवं माला देकर सम्मानित किया गया।
औरंगाबाद में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने किया जबकि संचालन जिला महामंत्री धनंजय जयपुरी ने की। मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित समकालीन जवाबदेही पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा, उर्दू विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष मोहम्मद कासिम की गरिमामई उपस्थिति रहीं। संबोधन के क्रम में डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा ने कहा कि आज औरंगाबाद जिला हिंदी साहित्य सतत प्रगति की ओर है। साहित्य की उर्वरा शक्ति को इस जिले में शिखर पर पहुंचाया है। मोहम्मद कासिम ने कहा कि हिंदी- उर्दू बड़ी छोटी बहन के समान है। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने तीनों साहित्यकारों को बधाई दी एवं इसी तरह से साहित्य सेवा करने के लिए प्रेरित किया।साथ ही साथ औरंगाबाद जिले में हिंदी साहित्य का स्थापना काल से आज तक हुए साहित्यिक विकास की चर्चा की एवं साहित्यकारों से अपेक्षा किया कि वे साहित्यिक सरोकारों को विशिष्टता प्रदान करें।

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धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर संजीव रंजन ने किया। मौके पर प्रसिद्ध ज्योतिर्विद शिव नारायण सिंह,डॉ शिवपूजन सिंह,प्रो. रामाधार सिंह, कालिका सिंह ,रंगकर्मी आफताब राणा,उज्जवल रंजन, प्रियंका पांडेय, विनय मामूली बुद्धि, हिमांशु चक्रपाणि, नीलमणि शर्मा, अश्विनी कुमार सोमनाथ, जनार्दन मिश्र जलज एवं सुरेश विद्यार्थी सहित अन्य उपस्थित थे।