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विमर्श

pregnency period या गर्भावस्था में जरूरी होता है देखभाल : डा. सिमी कुमारी

रंजना कुमारी। महिलाओं के लिए pregnency period या गर्भावस्था की एक सुखद अवस्था होती है और सुखद अहसास का समय होता है। लेकिन यह अवस्था मेडिकली और इमोशनली काफी संवेदनशील भी होती है।इसलिए इस अवस्था को हल्के में नहीं लेना चाहिए। घर के किसी बड़ी बुजूर्ग और अनुभवी महिला और डाक्टर के संपर्क में ही ऐसे समय रहना चाहिए। ये सलाह पटना की निसंतानता विशेषज्ञ और गायनी अंकोलेजिस्ट डा. सिमी कुमारी प्रिगनेंट महिलाओं को देते हैं।

दरअसल pregnency period या गर्भावस्था में कुछ जांच और परीक्षण से यह तय हो जाता है कि किस तरह की देखभाल की जरूरत उस खास महिला को। इस जरूरत के हिसाब से ही डाक्टर सलाह देते हैं। ताकि प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों ही सुरक्षित और स्वस्थ रह सकें और अगला गर्भ धारण करने में कोई कठिनाई न हो।

डा. सिमी कुमारी कहती हैं कि प्रिगनेंसी या डिलीवरी के दौरान होने वाले कंप्लिकेशन को रोका जा जा सकता है। डा. सिमी कबती हैं कि जांच से ही,यह भी पता चलता है कि प्रिगनेंसी या डिलीवरी के दौरान की जटिलता, उच्च रिस्क और प्रसव के स्थान और तरीके तय होते हैं। और यह सब कोई कुशल चिकित्सक ही अपनी देख रेख में कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि कंसीव करने के तुरत बाद ही किसी किसी योग्य डाक्टर की सलाह ले लें या उससे अपना परीक्षण कराएं।ऐसा करन से प्रसव और गर्वावस्था के कारण बनने बाले मनोवैज्ञानिक डर भी दूर हो जाता है। मतलब प्रसव पूर्व देखभाल का उद्देश्य एक स्वस्थ माँ से स्वस्थ बच्चे के जन्म के साथ साथ एक सामान्य गर्भावस्था सुनिश्चित करना है।अंतरराष्ट्रीय स्तर की  देखभाल में एक गर्भवती महिला के मासिक धर्म के बारे में, उसका इतिहास डाक्टरों द्वारा लिया जाता है। शादी की अवधि, प्रजनन क्षमता के निष्कर्ष, और वर्तमान बीमारी का जटिल इतिहास को जाना जाता है। वर्तमान गर्भावस्था की समस्य (अगर कोई हो तो) पहले के बच्चे की जानकारी अगर को बच्चा हो तो) सहित भी पिछले चिकित्सा इतिहास से पहले सर्जिकल इतिहास से को जान समझ कर ही डा. अपनी राय बनाते है और चिकित्सकीय सलाह देते हैं।

रोगी की वर्तमान और अतीत की स्थिति के बारे में सब कुछ जानने के बाद, कुछ सामान्य शारीरिक परीक्षण करें और गर्भावस्था से संबंधित परीक्षाएं इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए करें कि क्या गर्भावस्था सामान्य चल रही है या इसके साथ कोई जोखिम है कुछ जांच प्रदान करें जो रक्त जांच में हैं। जैसे कौन सा हीमोग्लोबिन रक्त समूह, एचआईवी-एचबीएस, एजी, वीडीआरएल, रक्त शर्करा, मूत्र परीक्षण  अधिकार में सभी पहले संभव हो तो लगभग पांचवें महीने में फिर लगभग 7 से 8 महीने और आखिरी में भी एक बार कराया जाना चाहिए। हेमोग्राम सहित रक्त की जांच 28 सप्ताह में दोहराई जानी चाहिए यानी सातवें महीने साढ़े छह से सातवें महीने में के बीच। एक सामान्य गर्भावस्था में 38 से 40 सप्ताह के बीच की अवधि में अच्छी स्थिति तब मानी जाती है जब भ्रूण का वजन 2.5 किलोग्राम या उससे अधिक होता है और बिना किसी मातृ जटिलता के सामान्य गर्भावस्था होती है।  गर्भावस्था अवधि में कम से कम चार बार पहली बार दूसरी तिमाही में 16 वें सप्ताह के आसपास यानी एमेनोरिया के चौथे महीने में दूसरा 24 से 28 सप्ताह में तीसरा 32 सप्ताह में और आखिरी में 36वें सप्ताह में जरूर डाक्टर से संपर्क साधना चाहिए।

 गर्भावस्था के दौरान मां के आहार के बारे में भी सलाह दी जाती है। और अच्छे भ्रूण के लिए गर्भावस्था के दौरान अच्छे मातृ स्वास्थ्य की आवश्यकता होती है। कैल्शियम आयरन फोलिक एसिड और विटामिन, दूध,पनीर,हरी सब्जी और प्रोटीन युक्त भोजन प्रिगनेंट महिलाओं के लिए जरूरी होता है। अगर संभव हो तो ड्राइफ्रूट्स भी लेना चाहिए। यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि गर्भावस्था के दौरान आहार आदर्श रूप से हल्का पौष्टिक होना चाहिए। सुपाच्य और प्रोटीन से भरपूर खनिज और विटामिन वाला भोजन हो। दो –तीन घंटे पर कुछ न कुछ भोजन अवश्य लेना चाहिए।

डा. सिमी गर्भ धारण की हुई महिलाओं को सलाह देती हैं कि ढिला कपड़ा पहनना चाहिए,प्रतिदिन नहाना चाहिए, साफ सफाई रखनी चाहिए,स्ट्रेस फ्री रहना चाहिए।इसके साथ ही रात में – घंटे तक सोना चाहिए, दिन में भी दो तीन घंटा जरूर आराम करना चाहिए।बांए करवट सोना ज्यादा लाभदायक होता है इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा बाएं करबट ही सोएं या आराम करें। डा. सिमी कुमारी कहती हैं कि गर्भवती यात्रा से खासकर जर्क भरी यात्रा से बचना चाहिए। बहुत जरूरी हो तो रेल मार्ग ही चुनना चाहिए। अगर प्लेसेंटा प्रीविया (प्लेसेंटा का नीचे रहना) हो तो विमान यात्रा से जरूर बचना चाहिए। लंबी यात्रा केवल दूसरी तिमाही तक ही होनी चाहिए।  और आखिर में डाक्टर सिमी कुमारी सलाह देती हैं कि अगर लगभग 10 मिनट या उससे पहले के अंतराल पर दर्दनाक गर्भाशय संकुचन महसूस हो या यह संकुचन जारी रहता है या अचानक योनि से में पानी के तरल पदार्थ आने लगे तो तुरत डाक्टर के पास पहुंचना चाहिए और जरूरत पड़ तो भर्ती भी हो जाना चाहिए।  

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.