विश्व स्तर पर बांझपन की रफ्तार बढ़ रही है। दुनिया की 12 से 15 प्रतिशत आबादी इस समस्या से ग्रसित है। नए शोध और तकनीक के उपयोग से इस समस्य...
विमर्श

बांझपन के इलाज में अंतरराष्ट्रीय औसत से ज्यादा डॉक्टर सिमी की सफलता औसत

विश्व स्तर पर बांझपन की रफ्तार बढ़ रही है। दुनिया की 12 से 15 प्रतिशत आबादी इस समस्या से ग्रसित है। नए शोध और तकनीक के उपयोग से इस समस्या से निजात पाने की सफलता दर विश्व स्तर पर 35 से 40 प्रतिशत है। जबकि पटना की डाक्टर सिमी कुमारी का अपने इलाज से बांझपन दूर करने में सफलता दर लगभग 64 प्रतिशत है।

 पटना, मुकेश महान। विश्व स्तर पर बांझपन की रफ्तार बढ़ रही है। लगभग 12 से 15 प्रतिशत दुनिया की आबादी में बांझपन की समस्या से ग्रसित है। आंकड़े बताते हैं कि लगभग 48 मिलियन कपल और लगभग 186 मिलियन इंडिविजुअल किसी न किसी रूप में बांझपन की समस्या से ग्रसित हैं।

डाक्टर सिमी कुमारी बताती हैं कि इस बांझपन के कई कारण हैं। मनोवैज्ञानिक, पर्यावरण और शारीरिक तनाव भी इस कारण में योगदान दे रहे हैं। हालांकि इस युग में आईवीएफ एक विकल्प है और कई नए शोध आ रहे हैं और नई तकनीक भी विकसित हो रहे हैं जो समस्याओं से उबारने मददगार साबित हो रहे हैं। इसके बावजूद विश्व स्तर पर इन शोध और तकनीकों की सफलता दर 35 से 40 प्रतिशत ही है।

 दूसरी ओर डॉ. सिमी ने अपने केंद्र पर लगभग 64 प्रतिशत सफलता दर दी है। यह उनकी विशेष उपलब्धि मानी जा रही है। इस विशेष सफलता का राज खुद डाक्टर सिमी बताती हैं। वह कहती हैं-  जब कोई दंपति इलाज के लिए आता है तो वे पूरी तरह तनाव में रहते हैं। पीड़ित कपल को बच्चे न हो पाने की वजह से पारिवारिक, सामाजिक और मानसिक जैसे कई तरह के स्ट्रेस होते हैं। यह तनाव शरीर पर एक बड़ा नकारात्मक प्रभाव डालता है। अर्थात जब कोई व्यक्ति लगातार  तनाव के प्रभाव में रहता है तो तनाव हार्मोन यानी कोर्टिसोल रिलीज होती रहती है। यह कोर्टिसोल हार्मोन प्रजनन क्षमता से संबंधित हार्मोन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

डा. सिमी बताती हैं कि इसी तरह कपल में यदि पुरूष धूम्रपान करने वाला, मोटा, शराबी आदि है, तो प्रतिक्रियाशील तनाव के कारण ऐसे पुरुषों में अंडाशय और शुक्राणु में रोम को नुकसान होता है।  इसलिए तनाव और खराब जीवन शैली के तहत नर और मादा युग्मकों की गुणवत्ता और मात्रा कम हो जाती है।

डा. सिमी कहती हैं कि इन प्रभावों को तब बदला जा सकता है जब मनोवैज्ञानिक कारण और जीवन शैली की जांच की जाए। बांझपन दूर करने में मेरी सफलता का दर 64 प्रतिशत होने का एक खास वजह ये भी है कि मैं मरीजों की संख्या बढ़ाने पर जोर नहीं देती। अपने सेंटर पर आए मरीजों से मैं  धैर्य और सहानुभूतिपूर्वक बात करती हूं, मरीजों को मैं समय देती हूं ताकि वे अपनी बात स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकें। इसके बाद मैं उनका स्ट्रेस दूर करने की कोशिश करती हूं। जरूरत पड़ने पर मैं उनकी जीवनशैली और भोजन शैली सुधारने में मार्गदर्शन और सहयोग करती हूं। उन्हें आहार संबंधी आदतों, व्यायाम, नींद आदि से संबंधित मार्गदर्शन देती हूं।

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इतना सब करने के बाद बाद मैं उनके उपचार पर आती हूं और जरूरत के हिसाब से उनका उपचार करती हूं। साथ ही पूरे उपचार के दौरान उन्हें विश्वास दिलाती हूं कि मैं उनके लिए उपलब्ध हूं। यह मैं सिर्फ कहने के लिए नहीं कहती, वास्तव  में उनकी जरूरत के समय मानसिक रूप से मैं उनके साथ रहती हूं। डा. सिमी कहती हैं कि मुझे लगता है कि पेशेंट मेरा ऐसा करने से का आत्मविशवास लौटता है या बढ़ता है, उनमें सकारात्मकता बढ़ती है। इससे उनमें प्रजनन मजबूत होती है और हम सफल होते हैं।   

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.