first menstruation or period in girls
विमर्श

कब आना चाहिए बच्चियों में पहला मासिक धर्म या period बता रही हैं डा. सिमी

रंजना कुमारी : first menstruation or period in girls: न पहले, न बाद में, सही समय पर आना चाहिए बच्चियों में पहला मासिक (period). लेकिन वह सही समय है क्या। है तो यह बहुत ही सामान्य सवाल लेकिन अस्सी प्रतिशत ये ज्यादा महिलाएं इसका जबाब नहीं जानती है। ऐसे ही सावालों कुछ सवालों को लेकर हम पहुंचे डा. सिमी कुमारी के पास तो उन्होंने कई चौंका देने वाली जानकारी हमें दी।

डा. सिमी ने बताया कि लड़कियों के लिए किशोरावस्था का समय कौतुहल भरा होता है। यह समय बचपन से आगे बढ़ने का होता है। अचानक शरीर में कई परिवर्तण शुरु हो जाते हैं। मन में भी भावनाएं विकसित होने लगती हैं। फिलिंग्स भी डेवलप होने लगते हैं। इसके साथ ही कई तरह के अन्य शारीरिक परिवर्तण भी होते हैं, मसलन शरीर में बाल आने शुरु हो जाते हैं। ब्रेस्ट डेवलप होने लगते हैं। …और सबसे प्रमुख चेंजेज तो ये है कि पहला पीरियड भी इसी समय आता है।

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डा. सिमी कहती हैं दरअसल किशोरावस्था में प्रजनन तंत्र पूरी तरह से hormonaly balanced नहीं होता है। उस समय मासिक या period कुछ ज्यादा दिनों के लिए भी हो सकता है। इसलिए ऐसे समय मां को ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत है। आवश्यकता पड़ने पर डाक्टर से संपर्क भी कर लेना चाहिए।

first menstruation or period in girls: शुरुआती मासिक या period के समय मां की जिम्मेदारी बढ़ जाती है, उन्हें अपनी बच्चियों के साथ समय देना चाहिए और period से संबंधित बातों को समझाना चाहिए। ताकि बच्चियों का आत्मविश्वास बना रहे

डा. सिमी कुमारी (प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ)

डा. सिमी कहती हैं कि भारतीय खान-पान और रहन-सहन के अनुसार तो पहला पीरियड का सही समय 12-13 वें वर्ष माना जाता है। कभी-कभी और किसी-किसी लड़कियों में पहला पीरियड 14-15वें वर्ष के बीच भी आता है। पीरियड के लिए यह भी नॉर्मल उम्र ही माना जाता है।
वो कहती हैं कि समस्या तब होती है जब पहला मासिक धर्म या पीरियड समय से पहले या बाद में आ जाता है।

कभी-कभी या किसी-किसी बच्ची को तो महज 8 साल की उम्र में या इससे भी पहले ही पहला पीरियड आ जाता है। इस स्थिति को प्रिकॉसियस पियुवर्टी कहा जाता है। ऐसे में गंभीर परेशानी की आशंका बन जाती है। खासकर दिमागी परेशानी हो सकती है। क्योंकि उनका दिमाग और शरीर इसके लिए तैयार नहीं होता। उनका ग्रोथ भी रुक सकता है। उनकी हाइट का बढ़ना रुक सकता है। सबसे दुखद ये है कि ऐसी बच्चियों में ब्रेस्ट ट्यूमर की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे स्थितियों में तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और सही इलाज कराना चाहिए।

दूसरी तरफ देर से पीरियड आना भी समस्या ही है। अगर किसी बच्ची को 15वें वर्ष तक पहला पीरियड नहीं आता है तो जरूर किसी योग्य या विशेषज्ञ डाक्टर से मिलना चाहिए और पूरी जांच करानी चाहिए। अगर 15 साल तक किसी बच्ची को पीरियड नहीं आ पाता है तो निश्चित रूप से परेशानी की बात है। दरअसल ये प्राइमरी इमोनेरिया का मामला होता है। ये एक गंभीर मसला है। इसके कई वजह हो सकते हैं। जैसे क्रोमोजोनल समस्या हो सकती है, जिसके कारण कई तरह की शारीरिक परेशानी हो जाती है। दूसरे वजहों में ओवरी का ठीक से डेवलप नहीं हो पाना, बच्चेदानी, अंडेदानी या नली का ठीक से विकसित नहीं हो पाना या ठीक से नहीं बन पाना भी हो सकता है। या फिर ये भी हो सकता है कि शरीर में हार्मोन सही तरीके से नहीं बन पाता है। चूकि पीरियड का आना हार्मोन से जुड़ा होता है, इसलिए हार्मोन का न बनना भी इसका महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। ऐसे में आगे चल कर उस बच्ची के लिए मां बनना भी मुश्किल हो सकता है।

डा. सिमी कहती हैं कि शुरुआती period के समय बच्चियों के खान पान पर भी विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है। उन्हें संतुलित आहार चाहिए होता है। विटामिन्स, प्रोटीन,मिनरल्स और जरुरत पड़ने पर डाक्टर की सलाह पर आयरन भी दी जानी चाहिए ताकि उनका शारीरिक विकास सही तरह से हो सके ।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.