पटना, नवीन कुमार। एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति की प्रमाणिकता जांची,परखी व सर्वजन हिताय है।वर्तमान समय की महंगी चिकित्सा पद्धति ने आर्थिक तथा साइड इफेक्ट की परिभाषा को और अधिक बल दिया है लेकिन भारत की पुरानी धरोहर व संस्कृति आयुर्वेद के साथ प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति हालिया कोरोना संक्रमण काल में भी करामाती सबित हुई।
भारत में एक्यूप्रेशर चिकित्सा का लाभ अब बहुसंख्यक लोग उठाने लगे हैं। आरामतलबी जीवन शैली अपनाने, मांसाहार भोजन करने, व्यायाम-योग से दूर रह कर, खुद के जीवन से खिलवाड़ करने की बढ़ती प्रवृति के साथ दारू, नशा ने लोगों का बड़ा हानि किया है। उपरोक्त बातें एक्यूप्रेशर महागुरू डॉ.सर्वदेव प्रसाद गुप्त ने एक विषेश भेंट में कही।
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डॉ.गुप्त का मानना है कि मानव शरीर की संरचना पूर्णतया सादा भोजन करने वाली शाकाहारी है। लेकिन आज खुद के स्वाद को मांसाहारी बना कर लोग बीमारी की ओर अपने क़ो लिए जा रहे हैं।.
अनियंत्रित वजन, डायबिटीज, रक्त विकार, हृदय रोग, नसरोग समेत कई बीमारियों की जननी मोटापा है और जिनका सीधा संबंध खान पान से है। एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति आहार-विहार युक्त एक संजिवनी व प्रमाणिक देसी विधा है,जिसके आधार पर रोग से निजात पाया जा सकता है।
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इस मौके पर डॉ.अभिषेक कुमार ने डॉ गुप्त तथा डॉ अजय प्रकाश के एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति की सहारे इलाज करने की व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि बीते 5 दशकों से इस विधा से इलाज में आशातीत सफलता अर्जित कर डॉ गुप्त ने मानव कल्याण किया है। आज बेहतरीन, आधुनिक तथा बहुपक्षीय मशीन भी रोग दूर करने के प्रयोग लाये जा रहे हैं।.