पटना,रंजना कुमारी। अगर आपका बार-बार गर्भपात हो रहा हो या लगातार दो बार हो चुका हो, तो इसे हल्के में न लें। यह आवर्तक गर्भावस्था हानि (Recurrent pregnancy loss) का मामला हो सकता है। ऐसे में सावधान होने की जरूरत है और तुरंत किसी योग्य और विशेषज्ञ डाक्टर से संपर्क कर लेनी चाहिए। ये कहती हैं पटना की सुप्रसिद्ध निसंतानता विशेषज्ञ और गायनी-अंकोलोजिस्ट डा. सिमी कुमारी।आवर्तक गर्भावस्था हानि या Recurrent pregnancy loss (आरपीएल) बार बार होने वाला गर्भपात है। यह एक ऐसी स्थिति को बताता है, जिसमें एक गर्भवती महिला दो या इससे अधिक बार गर्भपात हो चुका है।
डा. सिमी बताती हैं कि यह परेशानी आम है। लगभाग दो से पांच प्रतिशत दंपती (कपल) को आरपीएल से गुजरना पड़ता है। दुखद तो ये है कि इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक मामले में बार- बार गर्भपात होने के कारणों का पता नहीं चलता। लेकिन अधिकतर आवर्तक गर्भावस्था हानि का करण जेनेटिक विषमाता हो सकती है। इसके साथ ही अन्य कारणों में
शारीरिक कारण,(जैसे-यूटेरस की संरचना में गड़बड़ी) और प्रतिरक्षा तंत्र (immune system) की समस्या, (जिसमें ऑटो एंटीबॉडी बन जाने के कारण बाहरी चीजों को रिजेक्ट कर देता है)
अन्य कारणों में खून के थक्के बन जाने की क्षमता में कमी मसलन थोम्बोफिलिया, थैलिसीमिय आदि भी बार बार गर्भपात का कारण हो सकता है। कभी कभी गलत जीवन शैली और हार्मोन संबंधित कारणों से भी Recurrent pregnancy loss (आरपीएल) मतलब बार बार गर्भपात हो सकते हैं।
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आरपीएल के कारणों की जांच के लिए कुछ रक्त जांच है, कुछ इमेजिंग है, जिसे समझ कर हम जान सकते हैं कि इसके क्या कारण हैं। जरूरत पड़ने पर मदर फादर का कर्योटाइपिंग या क्रोमोसोमल माइक्रोएरे गर्भपात वाले टिशू का इमेजिंग में अल्ट्रासाउंड एक्स-रे एमआरआई स्टोर कॉपी करा कर भी जांच की जा सकती है।
ऐसे 65 प्रतिशत मामले में बार बार गर्भपात हो जाने वाली महिलाएं सही इलाज के बाद सामान्य तौर पर गर्भधारण कर मां बन सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि अगर कोई महिला बार बार गर्भपात का शिकार होती है तो उसे तुरंत पास के किसी योग्य और विशेषज्ञ चिकित्सक के पास जाकर उचित सलाह लेना चाहिए।