success story of ruchi. सृजनशीलता से सरोकार रखने वाले लोग आत्मविभोर होने की बात जानते हैं साथ ही यह मानते भी हैं कि "हम तो चले थे अकेले ,ल...
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success story : अर्थोपार्जन के साथ सम्मान भी मिलता रहा रूचि को

success story of ruchi. पटना, मीनाक्षी मीनू। सृजनशीलता से सरोकार रखने वाले लोग आत्मविभोर होने की बात जानते हैं साथ ही यह मानते भी हैं कि “हम तो चले थे अकेले, लोग आते गये,कारवां बनता गया”।  समस्तीपुर की धीया व बेगूसराय की पुत्रवधू रूचि चौधरी आज खुद के दमखम पर अपनी बुटीकरूपी रूचि को सुरूचिपूर्ण ढ़ंग से खुद के लिए अर्थोपार्जन करने लायक बनाया है। रूचि बताती हैं कि उनकी यात्रा आज भी जारी है और एक सम्मान जनक स्थिति में पहुंच चुकी है। आज स्थापित हस्ताक्षरों का सानिध्य हमें लगातार मिल रहा है। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए हमें भी और इंटरप्रेन्योर की तरह काफी मिहनत करनी पड़ी।

9 वर्षों से निरंतर मेहनत व लगन से काम करते हुए अब अपनी पहचान बना चुकी हैं। रूचि ने अबतक मधुबनी पेंटिंग, कलादर्शी, बेहतर डिजाइन के साथ नवीनतम आर्ट को भी बुटीक में शामिल किया है, जिसे आम से लेकर खास लोगों ने सराहा है। नतीजतन राजधानी पटना की प्रदर्शनी में प्रदर्शित बुटीक उत्पादों के लिए महिला उद्योग संघ द्वारा सम्मनित किया गया।

  महिला समूह के इस नये प्लेट फार्म को सराहना मिलती गई व महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन की सीख भी रूचि देती रहीं। आज रुचि

पटना में अन्य महिलाओं को नव तकनीक से बुटीक संचालन सिखा रहीं हैं। सूट, साड़ी, दुपट्टा के साथ साथ पर्स, मास्क पर रंग उकेरने की कला भी साथ में वो सीखाती हैं। ताकि नये कलेवर को अपनाया जा सके व पुरातन को बरकरार रखा जा सके। रुचि चौधरी ने गर्व से यह भी बताया कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान पीपीईकिट का काम रुबन अस्पताल के सौजन्य से इन्होंने किया। इसे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की 30 महिलाओं का चेन बना कर रोजगार सृजन का अवसर बनाया, जिसके कारण बिहार महिला उद्योग संघ ने इन्हें महिला सशक्तिकरण के लिए सम्मानित भी किया। बीते दिनों बिहार सरकार के मंत्री लेशी सिंह के हाथों खूबसूरत मिथिला पेंटिंग के के लिए सम्मानित किया गया है। इससे इनका आत्मबल बढ़ा है।

 रूचि सीधे सीधे स्वीकारती हैं कि किसी महिला के लिए उद्यमी के रूप में अपने को स्थापित करना आसान नहीं होता। मेरे लिए भी यह सरल नहीं था। लेकिन उद्यमिता को लेकर मेरी प्रतिबद्धता ने मुझे यहां तक पहुंचा दिया। मैंने शुरुआत तो अकेले की थी, परिवार का सहयोग मेरा संबल जरूर था। लेकिन धीरे धीरे लोग जुड़ते गए और मेरा कारवां बनता चला गया।   

रूचि को जिला से लेकर राज्य स्तर पर अबतक कई सम्मान मिल चुके हैं। लेकिन वो कहती हैं कि यही मेरी मंजिल नहीं है। मुझे तो अभी और आगे जाना है। उन्हें भरोसा भी है अपने पर। बड़ी सहजता से वो कहती हैं कि मेरी कल्पनाशीलता के कैनवास पर मेरे सारे सतरंगी सपने पूरे होंगे।  

 बिहार महिला उद्योग संघ से बतौर एक्जीक्यूटिव मेंबर जुड़ी हुई हैं रूचि। वो बताती हैं कि लगातार महिलाओं की सृजनात्मक रुझान को नयी ऊंचाई देने का काम वे करती रहीं हैं और आगे भी करती रहेंगी। क्योंकि अतीत में उन्हें भी अनेक हस्तियों का सानिध्य मिलता रहा, जो उनके आत्मविशवास को बढ़ाता रहा। इसी क्रम में महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष उषा झा के प्रति आभार प्रकट करते हुए वे कहती हैं कि उषा झा जैसी जुझारू नेतृत्व क्षमता के खास सानिध्य को पाना गर्व की बात है।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.