पटना, रंजना कुमारी। क्या आपको पता है कि मेनोपॉज के बाद भी महिलाएं मां बन सकती हैं। जी हां, पटना की चर्चित डा. निसंतानता विशेषज्ञ डा. सिमी कुमारी कहती हैं मेनोपॉज के बाद भी कोई महिला अगर मां बनना चाहें तो यह संभव है। डा. सिमी कहती हैं कि शर्त सिर्फ इतना है कि उस महिला की उम्र 50 साल से कम हो।
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यहां यह जानना भी जरूरी हो जाता है कि मेनोपॉज महिलाओं के उस स्टेज को कहते हैं जब उनका ओवरी (OVARY) काम करना बंद कर देता है। मतलब महिलाओं के अंडाशय में अंडा बनना बंद हो जाता है। (मतलब no egg formation in ovary). कभी-कभी, किसी-किसी महलाओं में प्रिमैच्यूर ओवेरियन फेल्यूर का मामला भी पाया जाता है। ऐसे केस में 35 वर्ष या इसके आस पास की उम्र में ही माहवारी स्थाई तौर पर बंद हो जाती है। लेकिन अब ऐसी महिलाओं को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। वो मेडिकल साइंस की एक तकनीक एआरटी (assisterd reproductive technology) का इस्तेमाल कर सकते हैं। एआऱटी तकनिक से 50 वर्ष से कम उम्र की मेनोपॉज्ड महिलांओं का मां बनना अब संभव हो चुका है। खासकर यह तकनीक उन महिलाओं के लिए राहतभरा है, जिन्होंने किसी दुर्घटना में अपनी इकलौती संतान खो दी है या देर से शादी होने या देर से बच्चे प्लान करने के कारण अनजाने वो मेनोपॉज की स्थिति में आ गई हों।
क्या है एआरटी (ART) ?
ART मतलब Assisterd Reproductive Technology मतलब हमारे चिकित्सा विज्ञानियों द्वारा संतानोत्पति के लिए विकसित की गई विशेष तकनीक मसलन आईयूआई(IUI)/आईवीएफ(IVF)/आईसीएसआई(ICSI) है जिससे संतान की प्राप्ति संभव हो सकती है। निसंतानता की स्थिति में ART (Assisted reproductive technology) तकनीक का उपयोग किया जाता है। खास बात ये है कि यह तकनीक दोनों ही मामले में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। महिलओं के अंडा में किसी तरह कमजोरी या खराबी होने पर या पुरुष के स्पर्म के कमजोर या खराब होने पर। हां, यह अलग बात है कि मेनोपाज्ड महिलाओं के मामले में अलग से एक एग डोनर महिला की जरुरत पड़ती है।