शंभु देव झा, केदार खंड। दुर्गम तथा बर्फ से आच्छादित हिम क्षेत्र में Kedarnath त्रासदी को भूला नहीं जा सकता। बीते 16जून 2013 को यहां से बहनेवाली मंदाकिनी नदी ने अन-गिनत लोगों की जीवन लीला पल में समाप्त कर डाली थी।
आज उसी की बरसी पर Kedarnath में हुतात्मा हुए शिवभक्तों के मोक्ष हेतु जाप व प्रार्थना सभा आयोजित किया गया, जिसमें समाजसेवी, पुरोहित और स्थानीय लोगों ने भाग लिया। विदित हो कि तब बारिश साथ बादल फटने से तीन दिनों तक इस क्षेत्र में (14से16जून) प्रलय सदृष्य महौल रहा। केदारनाथ धाम के स्थनीय लोग आज भी उस जल प्रलय को याद कर सिहर उठते हैं।
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इस क्षेत्र को द्वदश ज्योतिर्लिंग में से एक माना गया है। इसलिए शिव भक्तों की अगाध श्रद्धा व आस्था उन्हें यहां खींच लाती है।उस त्रासदी के समय भी लाखों लोग बाबा केदारनाथ के दर्शन पूजन को विभिन्न इलाकों से गये हुए थे। 50 हजार से अधिक लोगों के जलप्लावन में लापता हो जाने की खबर उनदिनों आयी थी।पूरा देश तब सिहर उठा था।
बताते चलें कि ग्लेशियर पिघलने व चट्टान खिसकने से ही बाबा मंदिर परिसर के अतिरिक्त सब कुछ काल के गाल में समाता चला गया था।सेना ने विशेष अभियान चला कर लगभग सबा लाख लोगों को बचाया था।दस हजार जवानों ने देवदूत बन लोगों को सहारा दिया। विदित है कि सनातनधर्म संस्कृति में हिन्दुओं के चार धामों में से एक बाबा Kedarnath नाथ का स्थल पहले से और रमणीय बना दिया गया है तथा फिर से वही आस्था लिए भक्त,जय शिव का जयकारा लगाते,यहां देखे जा रहे हैं।आज बरसी पर ज्ञात अज्ञात हुतात्माओं को स्मरण कर श्रद्धांजलि के साथ भावांजलि अर्पित की गई।