देश में कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ती हीं जा रही है,कोरोना को देखते हुए चिंतित केंद्र सरकार ने अगले 1 तारिक से ओपन मार्केट में Corona Vaccine की बिक्री को मंजूरी दे दी है. लेकिन, इसके बावजूद केमिस्ट्स या फार्मेसीज पर वैक्सीन मिलेगा या नहीं मिलेगी, इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को लेकर बदलाव की बात को देखते हुए कहा जा रहा है कि कुछ ही समय में वैक्सीन खुले बाजारों में मेडिकल स्टोर्स में मिलने लगेगी. खुले बाजार में वैक्सीन की कीमत 700 रुपये से लेकर 1000 रुपये प्रति डोज तक हो सकती है. फिलहाल सरकार को वैक्सीन 250 रुपये प्रति डोज की दर से मिल रही है.
एक खबर के मुताबिक “अभी टीकों को आपातकालीन लाइसेंस ही दिया गया है, ऐसे में केमिस्ट उन्हें नहीं बेच सकते. उन्हें एक प्रॉपर सेटअप में गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए लगाना जरूरी है.” टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभावों को Co-Win पर दर्ज किया जाएगा और उसकी मॉनिटरिंग की जाएगी. वैक्सीन को लेकर सरकार जल्द ही डॉक्टर्स और आम जनता के लिए एक एडवायजरी भी जारी कर सकती है. जिसमें AEFIs की पहचान, जांच और प्रबंधन का ब्योरा होगा. एडवायजरी में उन लक्षणों का जिक्र होगा जिनपर टीका लगने के बाद नजर रखनी है.
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गौरतलब है कि एक मई से 18 साल से ऊपर के लोगों का भी टीकाकरण किया जाना है, ऐसे में देश को 1.2 बिलियन अतिरिक्त डोज की जरूरत पड़ेगी. बता दें कि भारत की करीब 44% आबादी या करीब 60 करोड़ लोगों की उम्र 18 से 45 साल के बीच है. वैक्सीन की क्षमता बढ़ाने के बावजूद, भारत बायोटेक (Covaxin), सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (Covishield) और डॉ रेड्डी (Sputnik V) मिलाकर हर महीने केवल 11.5 करोड़ डोज ही दे पाएंगे जो कुल डिमांड का करीब 10% ही है. इसमें बाकी टीकों के उत्पादन का आंकड़ा शामिल नहीं है
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला कह चुके हैं कि प्राइवेट मार्केट में Covishield की एक डोज करीब 1,000 रुपये की होगी तो वहीं डॉ रेड्डीज जो कि रूसी वैक्सीन Sputnik V का आयात करेगी, वह 750 रुपये प्रति डोज दाम तय कर सकती है, हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है.