बक्सवाहा जंगल
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चलो बक्सवाहा चलें अभियान के तहत दो लाख पेड़ों को बचाने जाएँगी डा.नम्रता आनंद

पटना, चलो बक्सवाहा अभियान के तहत जैव विविधता को बचाने के लिए देशभर के पर्यावरण योद्धा बक्सवाहा में जुटेंगे। सात,आठ,नौ अगस्त को चलो छतपुर अभियान में बिहार से पर्यावरण योद्धाओं का एक जत्था पीपल नीम तुलसी अभियान के डाक्टर धर्मेंद्र कुमार और दीदी जी फ़ाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद की अगुवाई में छतपुर में अभियान चलाएंगी। गौरतलब है कि हीरे की खान के लिए बक्सवाहा के विशाल जंगल को काटे जाने की साज़िश चल रही है। इस साज़िश के तहत लगभग ढाई लाख पेड़ काटे जाने की तैयारी चल रही है।
मध्य प्रदेश के छतपुर जिला के अंतर्गत बक्सवाहा जंगल है।7.30 करोड़ की आबादी वाले राज्य में 75 लाख लोगों को ऑक्सीजन देने वाला बक्सवाहा जंगल का अस्तित्व आज खतरे में है। इसी बक्सवाहा जंगल के अस्तित्व बचाने के लिए पर्यावरण योद्धा 7,8और 9 अगस्त को बक्सवाहा में अपना देरा डालेंगे।

  डाक्टर धर्मेंद्र कुमार
इस बावत डाक्टर नम्रता आनंद कहती हैं सभी जानते हैं कि एक स्वस्थ वृक्ष 230 लीटर ऑक्सीजन देता है। और यहां पर कुछ हीरो के लिए सवा दो करोड़ जंगल काटा जा रहा है । बक्सवाहा के जंगल के नीचे हीरो के लिए बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधनों, हर्बल पौधों और अन्य पेड़ों को काटा जाना सच में प्रकृति के साथ खिलवाड़ है।
डाक्टर धर्मेंद्र कुमार कहते हैं 8000 आदिवासियों की आजीविका इन्हीं जंगलों से चलती है। मध्य प्रदेश के सबसे सूखे क्षेत्रों में बुंदेलखंड का नाम आता है।ऐसे में इतने बड़े स्तर पर वनों कटाई भविष्य में यहां होने वाली बारिश को प्रभावित कर सकता है।

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नम्रता कहती हैं इस कोरोना महामारी में ऑक्सीजन के लिए तरस रहे विश्व में ढाई लाख पेड़ों को काटने की तैयारी वास्तव में निंदनीय है। जहां एक और लाखों करोड़ों रुपया वृक्षारोपण के नाम पर खर्च किया जाता है , वही एक स्थापित जंगल को काटा जाना कहाँ तक उचित है।
डाक्टर धर्मेंद्र कुमार इससे आगे कहते हैं कि इतने बड़े जंगल के कटने से सिर्फ़ पेड़ ही नहीं कटते, बल्कि एक पूरी की पूरी दुनिया उजड़ जाती है। यहाँ आदिवासियों का रोजगार ख़त्म हो जाएगा, कितने पशु-पक्षियों का आशियाना उजड़ जाएगा। सच तो यह है कि आस पास की जैव विविधता, इकोसिस्टम ही पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगा।

डा.नम्रता आनंद
पहली बार 2014 में बक्सवाहा जंगल को काटने का कड़ा विरोध हुआ था।और तब से ये विरोध लगातार चल रहा है। ख़ास बात ये है कि अब देश भर के पर्यावरण प्रेमी इस आंदोलन से जुड़ चुके हैं । और इसी प्रयास के तहत बिहार से भी पर्यावरण योद्धाओं की टीम वहाँ जा रही है ।
इस अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षकों का एक जत्था पीपल नीम तुलसी के संस्थापक डॉ धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में बक्सवाहा में दिनांक सात, आठ, नौ को जाना सुनिश्चित हुआ है। इस अभियान में ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के गो ग्रीन अभियान की राष्ट्रीय सह प्रभारी और दीदी जी फाउंडेशन की संस्थापिका डॉ नम्रता आनंद, पीपल नीम तुलसी के संस्थापक डॉ धर्मेंद्र कुमार, कानपुर की रितिका गुप्ता, भोपाल, मध्य प्रदेश से आनंद पटेल, पंजाब से अनुराग विश्नोई और राजीव गोधरा, दिल्ली से ज्योति डंगवाल, मध्य प्रदेश से शिवानी चौहान और ज्योति सिसोदिया, झारखंड से राजेश कुमार, उत्तर प्रदेश से ओपी चौधरी, इंदौर से काजल इंदौरी, कोलकाता से नीना गुप्ता, उड़ीसा से शुभेंदु राय, राजस्थान से ओमप्रकाश विश्नोई, गुजरात से निलेश गौरव, उत्तराखंड से अल्पना देशपांडे, बिहार से डॉ नम्रता आनंद,उषा मिश्रा, नेपाल से विक्रम यादव, राजेश गौरव के साथ-साथ भारतवर्ष के सैकड़ों पर्यावरण प्रेमी, बक्सवाहा आंदोलन में भाग लेंगे।