तालकटोरा कायस्थ महाकुंभ के बाद अब रामलीला मैदान में कायस्थों का राजनैतिक हिस्सेदारी सम्मेलन । बैठक की अध्यक्षता करते हुए जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि शैक्षणिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक और तकनीकी रूप से मजबूत कायस्थ जाति के हितों तथा उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी को विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है और इस ओर उदासीनता का भाव है। कायस्थों को नजरअंदाज किए जाने के मुद्दे को लेकर शीघ्र ही कालबद्ध अभियान की घोषणा की जायेगी। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज की मशाल वाहक जाति है और समाज के सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलती है लेकिन आज इनके हितों तथा महत्वपूर्ण भागीदारी की उपेक्षा करना समाज और राष्ट्रहित के लिए नुकसानदेह है।
श्री प्रसाद ने कहा कि अगले वर्ष नई दिल्ली के रामलीला मैदान में कायस्थों की राजनीतिक भागीदारी को लेकर होने वाले महाकुंभ में विभिन्न प्रांतों से एक लाख से अधिक लोगों की भागीदारी होगी। इसके लिए तैयारी अभी से ही शुरू की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जीकेसी का देश के उन कुछ राज्यों में भी विस्तार हो रहा है जहां हम अपना संगठन खड़ा नहीं कर पाए थे। आज आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों के लिए प्रदेश संयोजकों का मनोनयन किया जा रहा है। इसके साथ ही ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस का देश के 20 से अधिक राज्यों में गठन हो चुका है और शीघ्र ही अन्य राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में भी संगठन की घोषणा कर दी जाएगी।
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ग्लोबल अध्यक्ष ने कहा कि कायस्थों के राजनीतिक हित को नजरअंदाज किए जाने और विभिन्न राजनीतिक दलों के उदासीन रवैया को लेकर देश की इस सबसे बुद्धिजीवी जाति खासकर खासकर युवाओं में उबाल है। जीकेसी इन्हीं मुद्दों को लेकर सामने आ रहा है। इससे देश के विभिन्न हिस्सों से हमें व्यापक समर्थन मिला है और बड़ी संख्या में लोग जीकेसी को समर्थन एवं सहयोग कर रहे हैं।
बैठक में प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन ,ग्लोबल उपाध्यक्ष आनंद सिन्हा ,महासचिव अनुराग सक्सेना समेत अनेक पदाधिकारियों ने विचार रखे