हिन्दी व्यंग्य विश्वकोश
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हिन्दी व्यंग्य विश्वकोश का प्रकाशन हो सकता है इसी वर्ष के अंत तक

जयपुर, ओम दैया। हिंदी व्यंग्य विश्वकोश का प्रकाशन किया जा रहा है जिसमें व्यंग्यकारों के परिचय से लेकर उनकी रचनात्मक उपलब्धियों की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। उम्मीद है कि यह व्यंग्य विश्वकोश कोश इसी वर्ष तक प्रकाशित हो जाएगा। इस कोश में पूरी दुनिया से हिंदी व्यंग्य लेखकों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रकाशित की जाएगी। यह इस कोश के जरिए मुद्रित और इंटरनेट दोनों के माध्यम से उपलब्ध होगी। यह जानकारी देते हुए वरिष्ठ व्यंग्यकार फारूक आफरीदी ने बताया कि हिंदी व्यंग्यकोश का संपादन सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार प्रो. राजेशकुमार और सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. संजीव कुमार कर रहे हैं। 
हिंदी व्यंग्य कोश में सभी व्यंग्यकारों की मूलभूत जानकारी जैसे नाम जन्मतिथि, पता, प्रकाशित कार्य, सम्मान आदि का विवरण होगा। इसके साथ ही उनकी प्रतिनिधि रचना का आनंद भी पाठक ले सकेंगे। व्यंग्यकारों के साथ इस व्यंग्य कोश में व्यंग्य के संकलनों और पत्रिकाओं की जानकारी भी शामिल की जाएगी। सभी लेखक निम्नलिखित लिंक पर जाकर विश्वकोश में अपनी या अन्य व्यंग्यकारों, संकलनों, पत्रिकाओं की जानकारी जमा कर सकते हैं 

हिन्दी में विश्वकोश की परंपरा नई नहीं है, लेकिन व्यंग्य के क्षेत्र में इस तरह का काम पहले कभी नहीं हुआ। ऐसी उम्मीद की जाती है कि इस हिंदी व्यंग्य कोश के द्वारा पाठकों, लेखकों, संपादकों और शोधकर्ताओं को बहुत मदद मिलेगी और साहित्य के क्षेत्र में एक बड़ी कमी की पूर्ति होगी। यह अपरिहार्य ग्रंथ अपने आप में शोधकार्य होगा।

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राजस्थान में लगभग 50 से अधिक हिन्दी और राजस्थानी व्यंग्य लेखक हैं, जिनमें कई राष्ट्रीय स्तर पर अपनी ख्याति रखते हैं। इनमें पूरन सरमा, फारूक आफरीदी, अनुराग वाजपेयी, डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, डॉ यश गोयल, डॉ अजय अनुरागी, बुलाकी शर्मा, प्रभात गोस्वामी, मनमोहन हर्ष, बादल, डॉ मंगत, मधु आचार्य आशावादी, कृष्ण कुमार आशु, गोविन्द शर्मा, भरतचन्द्र शर्मा, डॉ मदन केवलिया, शरद केवलिया, प्रभाशंकर उपाध्याय, शंकरलाल मीणा, शरद उपाध्याय, प्रमोद कुमार चमोली आदि प्रमुख हैं।

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हिंदी व्यंग्य विश्वकोश पाठकों के लिए इसी साल उपलब्ध हो जाएगा। व्यंग्य साहित्य की प्रमुख विधा है, जो हमें विभिन्न अखबारों और पत्र -पत्रिकाओं रोजाना पढ़ने को मिलती है। इसके साथ ही अनेक लेखकों की पुस्तकें भी नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती है। कुछ पत्रिकाएँ तो विशेष रूप से व्यंग्य का ही प्रकाशन करती हैं। हिंदी विश्वकोष का प्रकाशन इंडिया नेटबुक्स, दिल्ली द्वारा किया जा रहा है।