भारत नेपाल का परम्परागत मित्र राष्ट्र है-बिमलेन्द्र निधि नेपाल की निर्माण यात्रा में कायस्थों का अतुलनीय योगदान भुलाया नहीं जा सकता।
काठमांडू (नेपाल),संवाददाता। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ़्रेन्स के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने काठमांडू में आज संगठन के नेपाल चैप्टर के प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि भारत एवं नेपाल परम्परागत मित्र राष्ट्र हैं। नेपाल की इस विराट निर्माण यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर नेपाली कायस्थों के अमिट हस्ताक्षर हैं। लोकतंत्र को स्थापित करने के आंदोलन, साहित्य, संस्कृति, न्यायपालिका, कार्यपालिका, पत्रकारिता, विधायिका एवं सेना में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। साथ-ही व्यवसाय के क्षेत्र में भी यहां के कायस्थों ने विशिष्ट योगदान दिया है।
श्री प्रसाद ने कहा कि जहां एक ओर विमलेन्द्र निधि ने उप प्रधानमंत्री का पद सुशोभित किया वहीं उनके पिता स्व महेंद्र निधि नेपाली कांग्रेस के महामंत्री पद पर आसीन रहे हैं। नेपाली संसद में कई पूर्व एवं वर्तमान सांसद हैं,विमल श्रीवास्तव, धर्मबहादुर श्रीवास्तव, पुष्पा कर्ण, व्रशेश लाल आदि। नेपाल के बार एसोसिएशन में कई प्रभावशाली वकीलों ने सम्माजनक ऊंचाई हासिल की है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिल सिन्हा, कमल नारायण दास, जस्टिस वर्मा समेत कई जज यादगार फ़ैसलों के कारण जाने जाएंगे।
श्री प्रसाद ने इस अवसर पर 17 सितम्बर 2023 को रामलीला मैदान में प्रस्तावित विराट सम्मेलन में नेपाल की विभूतियों को आमंत्रित भी किया है। उन्होंने कहा कि भारत नेपाल समेत दुनिया के अनेक मुल्कों में ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ़्रेन्स के बैनर तले अपने विरासत एवं समृद्ध इतिहास को दुहराने एवं सुनहरे कल की ओर बढ़ने के लिए कायस्थ एकत्रित हो रहे हैं। समारोह की अध्यक्षा ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ़्रेन्स नेपाल की अध्यक्ष डॉक्टर पूनम कर्ण नेपाल में हो रहे सांगठनिक कार्यों की जानकारी दी।
नेपाल के पूर्व उप प्रधान मंत्री श्री विमलेन्द्र निधि ने कहा कि नेपाल का इतिहास गौरवशाली है। कायस्थों ने पुनर्निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया है। राजीव रंजन एवं ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ़्रेन्स ने कायस्थों को वैश्विक मंच प्रदान किया है, जिसकी वह हृदय से प्रशंसा करते हैं। उन्होंने भारतीय स्वाधीनता संग्राम एवं भारत के नवनिर्माण में कायस्थों के अभूतपूर्व योगदान की भी सराहना की।
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प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने विश्व पटल पर उभर रहे संगठन की गतिविधियों से अवगत कराते हुए पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के लिए नेपाल सरकार के प्रयासों की सराहना की। नेपाल सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिल सिन्हा ने भारत नेपाल के मध्य परम्परागत सम्बन्धों की विस्तार से चर्चा की।अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं जिकेसी कुवैत के प्रतिनिधि अखिलेश श्रीवास्तव ने वैश्विक संगठन की प्रासंगिकता का ज़िक्र किया, वहीं संयुक्त अरब अमीरात के अध्यक्ष मीतेश कर्ण ने अगला इंटरनैशनल कॉन्फ़्रेन्स दुबई में आयोजित करने की घोषणा की।
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इस अवसर पर नेपाल के पूर्व उप प्रधान मंत्री बिमलेन्द्र निधि,प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन, नेपाल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिल सिन्हा, एक्स जस्टिस कमल नारायण दास, रतीश चंद्र लाल, गिरीश चंद्र लाल,ब्रिकेश चंद्र लाल,देवेंद्र लाल,डॉक्टर विजय दत्त,सतीश चंद्र लाल,पूर्व सांसद नेपाल रंजित कर्ण,ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश कुमार श्रीवास्तव (कुवैत) नेपाल के पूर्व सांसद रंजित कर्ण, ग्लोबल संयोजिका महिला प्रकोष्ठ मीना श्रीवास्तव ,संयुक्त अरब अमीरात के जीकेसी अध्यक्ष मीतेश कर्ण, भारत के संगठन मंत्री शुभ्रांशु श्रीवास्तव, नेपाल सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट पंकज कर्ण,राजेश डब्लू,अगम श्रीवास्तव,राजेश सिन्हा,समीर परिमल,दीप श्रेष्ठ, बलिराम,रतन सिन्हा(सभी भारत) नेपाल के लोकप्रिय संस्कृति कर्मी कौशल किशोर दास, आशुतोष,दिवाकर वर्मा(भारत) आदि ने सम्बोधित किया।