नववर्ष के आगमन पर कवि स्पर्श द्वारा कवि-सम्मेलन । औरंगाबाद, संवाददाता। कोरोनाकाल एक दुखदायी काल रहा है। लेकिन यह काल बहुतों को बहुत कुछ सीख भी दे गया। मसलन ऑनलाइन काम, वर्क फ्रॉम होम, जूम मिटींग और ऑनलाइन कार्यक्रम का। कार्य करने की शैली कम से कम वेन्यू का खर्च तो बता ही देता है।
ऐसा ही एक कार्यक्रम कवियों, साहित्यकारों एवं पत्रकारों के लिए समर्पित संस्था कवि स्पर्श ने नववर्ष 2023 को समर्पित एक ऑनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया। इसका उद्घाटन वाराणसी के वरीय कवि ब्रजेंद्र नारायण द्विवेदी “शैलेश” ने की जबकि अध्यक्षता संत कबीर नगर के वरीय कवि ईश्वरचंद्र जायसवाल कर रहे थे। कार्यक्रम की शुरुआत वरीय कवियित्री इशिता सिंह की सरस्वती वंदना से हुई। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजसेवी आकाश कुमार सिंह थे।
वरीय कवि, शिक्षक एवं कवि सम्मेलन के मंच संचालक राम राय ने कवि सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा-
हम तो परंपराओं को निभाना जानते हैं,
बस जो चला आ रहा उसे ही मानते हैं।
छिपे रहस्यों से हमें नहीं कुछ लेना देना,
बस हैप्पी न्यू ईयर चिल्लाना जानते हैं।।
पटना के पधारे वरीय कवि अरविन्द अकेला ने अपनी रचना के माध्यम से अपनी उपस्थिति का अहसास कराते हुए कहा
आयेगी जब चहुँओर हरियाली,
झुम उठेगी हर डाली-डाली।
मुस्कुरायेगी जब गाँव की गोरी,
हम गीत खुशी के गायेंगे,
हम नव वर्ष मनायेंगे।।
रायबरेली की डॉ. गीता पांडे “अपराजिता” रायपुर के नौशीन प्रवीन, जितेन्द्र परमार “जीत”, बिलासपुर के उमेश कुमार श्रीवास, रायपुर की यामिनी पाण्डे, बिलासपुर के अमिता मिश्रा, संत कबीर नगर के ईश्वर चंद्र जायसवाल, प्रयागराज की कवयित्री अन्नपूर्णा मालवीया “सुभाषिनी”, मुरादाबाद के श्वेतादूहन देशवाल, मधुबनी के प्रकाश कुमार ‘चंदन’, अलीगढ़ की ललिता कुमारी वर्मा “अविरल”, सोनिया ओलाहन, नयी दिल्ली की अर्चना अनुप्रिया, छत्तीसगढ़ के गोवर्धन लाल बघेल, झांसी के राजेश तिवारी मक्खन, गोण्डा के सुधीर श्रीवास्तव, दुर्ग के खेमराज साहू ‘राजन, वाराणसी की मणि बेन द्विवेदी, चतरा के बालेश्वर राम चंद्रवंशी, महाराष्ट्र के रंजुला चंडालिया कुमुदिनी, बालाघाट के सनुक लाल यादव, जबलपुर की आशा झा सखी, लखनऊ की इशिता सिंह, कलावती करवा षोडश कला,स्वाति जैसलमेरिया, नागपुर की प्रीति हर्ष, रंजना बिनानी, दिल्ली की आरती तिवारी, मधु भूतड़ा, मधु वैष्णव मान्या, कानपुर के विद्या शंकर अवस्थी “पथिक”, औरंगाबाद की सुषमा सिंह, वाराणसी के डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी “शैलेश”, कोलकाता के वी अरुणा, इंदौर के जनार्दन शर्मा, झाबुआ, मप्र के भेरूसिंह चौहान “तरंग” (एवं छत्तीसगढ़ की रश्मि मिश्रा विदुषी सहित तीन दर्जन कवियों एवं कवियित्रियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से नववर्ष के आगमन को मंगलमय व सुखमय बना दिया।
कार्यक्रम के अंत में वरीय रचनाकार अरविन्द अकेला द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।