मुंम्बई, संवाददाता। मुंम्बई की एक संस्था केटीके आउटस्टैंडिंग अचिवर्स एंड एजुकेशन फाउंडेशन ने अरुण शर्मा को मुम्बई गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह सम्मान अरुण शर्मा को रियल स्टेट व्यवसाय के क्षेत्र में आउटस्टैंडिंग अचिवमेंट्स और रिमार्केवल कॉन्ट्रीव्यूशन के लिए दिया गया। गौरतलब है कि केटीके दिल्ली की एक एजुकेशनल संस्था है जो देशभर में सभी क्षेत्रों में सर्वे करता है। सर्वे के बाद बेहतर काम करने वाले को अचिवमेंट अवार्ड से सम्मानित करता है।
अरुण शर्मा मूल रूप से झारखंड के झुमरी तिलैय़ा (डोमचांच) जैसे एक छोटे से शहर के रहने वाले हैं और वर्षों से मुम्बई में रह कर रियल स्टेट के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। प्रॉप्टी आलवेज डॉट कॉम के नाम से आनलाइन प्रॉप्टी सेल एंड परचेज का इनका अपना वेबसाइट भी है। इसके अलावा भी रियल स्टेट के क्षेत्र में इनका जबरदस्त हस्तक्षेप है। प्रॉप्टी आलवेज डॉट कॉम के अतिरिक्त भी प्रॉप्टी के कई अन्य सेल पर्चेज वेबसाइट से ये जुड़े हैं।
अरुण झारखंड से पढ़ने के लिए पहले दिल्ली गए, वहां उन्होंने सीए की पढ़ाई शुरु की। फिर बाद में सपनों की नगरी मुंबई पहुंच गए अपने सपनों को पूरा करने के लिए। शुरआती समय इनका धारावाहिक बनाने और प्रस्तुत करने में गुजरा । फिर ये प्रॉप्टी विजनेस से जुड़े और अब भी इसमें काम कर रहे हैं। अरुण शर्मा मुम्बई में foundation Join Your Hand भी चलाते हैं। इस फाउंडेशन के उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर में मुंबई नगर निगम को 200 ऑक्सीजन सिलेंडर दान किया। मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले ने इसके लिए उनकी सराहना भी की।
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अरुण शर्मा द्वारा संचालित foundation Join Your Hand ने कोरोना काल में गली के लोगों में भोजन बांटा और गरीबों को भोजन के पैकेट दान किए। मुंबई के साथ उनके फाउंडेशन ने चेन्नई की गली में भी भोजन वितरण का काम किया। इसी कोरोना काल में उन्होंने घर में 72 क्वारंटाइन covid + लोगों को इस्कॉन से दिन में दो बार मुफ्त में खाना पहुँचाने का काम किया।
दखें अरुण शर्मा का प्रॉपटी विजनेस साइट– https://www.propertyalways.com/dubai-developers.aspx
इस संबंध में अरुण शर्मा कहते हैं जहां चाह वंहा राह बन ही जाती है। हमने तो बस कोरोना काल में मदद की शुरुआत की। लोगों का साथ मिलता रहा, मैं काम करता चला गया। केटीके द्वारा मिले सम्मान पर अरुण कहते हैं कि मैंने सम्मान के लिए काम नहीं किया। बस काम करता चला गया। हां ये जरुर है कि सम्मान पाकर औरों की तरह मुझे भी बेहद अच्छा लगा।