पद्मनाभ साहित्य परिषद् द्वारा मातृदिवस के अवसर पर काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन सफल आयोजन किया गया। सभी रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी।...
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मातृदिवस के अवसर पर पद्मनाभ साहित्य परिषद् के कवि सम्मेलन में दिखे मां के कई रुप

मुजफ्फरपुर, सविता। पद्मनाभ साहित्य परिषद् द्वारा मातृदिवस के अवसर पर काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन सफल आयोजन किया गया। सभी रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। इन सब की रचनाओं से संपूर्ण माहौल ममतामई हो उठा। कार्यक्रम का संचालन मुजफ्फरपुर बिहार की कवयित्री सविता राज ने बड़े ही सुन्दर अंदाज में किया। खास बात ये रही कि सभी कवि कार्यक्रम के अंत तक जुड़े रहे। देशभर के कवि और कवियित्रियों ने इस कवि सम्मेलन में भाग लेकर मां विषय पर अपनी अपनी रचनाएं पढ़ी।

कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना से किया गया, शोभा रानी तिवारी ने सरस स्वर में माता सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की। संस्था की संस्थापिका प्रतिभा पराशर ने मां पर बहुत ही सुंदर उद्बोधन दिया। मुख्य अतिथि पद्माक्षि शुक्ल ने माता को सबसे महान बताया विशिष्ट अतिथि डा .कमला माहेश्वरी ने मां को करुणा की भंडार कहा।

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पद्मनाभ साहित्य परिषद् के इस ऑनलाइन आयोजन में उमेश नारायण कर्ण मां पर अपनी रचना पढ़ते हुए मां को याद कर भावुक हो गए।भर्राय गले से उन्होंने अपनी कविताएं पूरी की। इससे पटल का वातावरण हृदय स्पर्शी बन गया जो आखिरी तक बना रहा।

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काव्यपाठ करने वालों में पद्माक्षी शुक्ल,प्रतिभा पराशर,सविता राज,शोभा रानी तिवारी,विजय व्रत कंठ,अनिता गौतम,ज्वाला संध्यपुष्प समस्तीपुर, कालजयी घनश्याम,उमेश नारायण कर्ण, डॉ. सुनीत मदात, डॉ.कमला माहेश्वरी,मीना कुमारी परिहार, राजकुमार छापड़िया रहे। कार्यक्रम का समापन घनश्याम के आभार ज्ञापन से हुआ