भारत में ओमिक्रोन वेरिएंट का दस्तक, दो मरीज पाए गए।ओमिक्रोन पांचवां "वेरिएंट ऑफ कंसर्न" है और डेल्टा के बाद पिछले सात महीनों में पहला है। द...
देश-विदेश

भारत में ओमिक्रोन वेरिएंट का दस्तक, सतर्क और सचेत रहने की जरुरत

पटना, जितेन्द्र कुमार सिन्हा। भारत में ओमिक्रोन वेरिएंट का दस्तक, दो मरीज पाए गए। ओमिक्रोन पांचवां “वेरिएंट ऑफ कंसर्न” है और डेल्टा के बाद पिछले सात महीनों में पहला है। दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में पहली बार मिला वायरस का नया रूप ओमिक्रोन का फैलाव दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, नीदरलैंड, इजरायल, हांगकांग, बेल्जियम, आस्ट्रेलिया, चेक गणराज्य, इटली, जर्मनी, ब्रिटेन, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, कनाडा, स्वीडेन, स्पेन, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, जापान, पुर्तगाल, सऊदी अरब, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, यूएसए, नार्वे, आयरलैंड, घाना, नाइजीरिया और यूएई में हो चुका है और कई अन्य देशों में फैलने की जानकारी मिल रही है।

उपलब्ध जानकारी के अनुसार अब कोरोना के नये रूप ओमिक्रोन का खतरा भारत में भी मडराने लगा है। दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, पुर्तगाल और बोत्सवाना में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आए हैं।

 भारत में ओमिक्रोन के मामले सामने आने के बाद केन्द्र सरकार हरकत में आ गई है। कर्नाटक में ओमिक्रॉन से संक्रमित दो मरीज पाए गए हैं।  एक संक्रमित मरीज कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुका है, जबकि एक मरीज ने वैक्सीन की पहली डोज ली है। पहले संक्रमित मरीज की उम्र 66 वर्ष बताई जा रही है, जिसने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था, और वहीं दूसरा संक्रमित मरीज 46 साल का स्वास्थ्यकर्मी है, जिसने कोई यात्रा नहीं की है।

 कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन वैरिएंट को पांच गुना अधिक संक्रामक बताया जा रहा। विशेषज्ञ के अनुसार, ओमिक्रॉन में कोरोना वायरस का सबसे अधिक म्यूटेट वर्जन देखने को मिला रहा है। इसी कारण वैज्ञानिक कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट को लेकर चिंतित हैं। अब कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन भारत पहुंच गया है तो इसके लक्षणों को जानना जरूरी है। जुटाए गए शुरुआती डेटा के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों को बहुत अधिक थकान, गले में खराश, मांशपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं आती है। ओमिक्रोन से संक्रमित व्यक्ति के स्वाद और गंध की क्षमता में कोई बदलाव नहीं देखा जा रहा है। ओमिक्रोन का पता लगाने वाली दक्षिण अफ्रीका के चिकित्सकों का कहना है कि फिलहाल मरीजों में हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं। इस वैरिएंट से संक्रमित लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़े हैं।

भारत में ओमिक्रोन वैरिएंट से बचने के लिए लोगों को कोविड-19 की दोनों डोज जरूरी माना जा रहा है। पूर्व की तरह सामाजिक दूरी का पालन करना और नियमित अंतराल पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। सार्वजनिक जगहों पर जाने से पहले मास्क का प्रयोग करना और जरूरी न हो तो यात्रा करने से भी बचना चाहिए। भीड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करना चहिए और नियमित अंतराल पर हाथों को भी अच्छे से धोना चाहिए।

अगर ओमिक्रोन वैरिएंट का कोई भी लक्षण दिखाई दे तो कोविड नियमों का पालन करते हुए तुरंत चिकत्सक से संपर्क करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, कुछ खास बातों का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है। घर या ऑफिस के अंदर पर्याप्त वेंटीलेशन होना जरूरी है। वायरस के ट्रांसमिशन की चेन तोड़ने के लिए वैरिएंट से संक्रमितों और उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान करना भी बहुत जरूरी है।

Read also वन विभाग की लापरवाही, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी भूखमरी के कगार पर

 नये खतरे को देखते हुए केन्द्र और राज्य सरकार अपनी अपनी तैयारियों का आकलन करने लगी है। हमें यह नही भूलना चाहिए कि भारत में महामारी के खिलाफ व्यक्तिगत तौर पर भी पहल किया जाता है। इसलिए हमलोगों को कोविड व्यवहारों का पालन करना चाहिए और विशेष तौर पर बड़ी सभाओं और जलसों से बचना चाहिए। यह याद रखना चाहिए कि पूरी तरह टीकाकरण किए हुए लोगों में गम्भीर बीमारी का खतरा, आंशिक या बिना वैक्सीन लिए लोगों से कम है।

Get Latest updates on Corona

भारत में अब पर्याप्त टीके बन रहे हैं। बूस्टर खुराक दिये जाने के वैज्ञानिक तर्क का अध्ययन किया जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार कोवैक्सीन ज्यादा कारगर साबित हो सकता है। भारत में लोगों में कोरोना के खिलाफ प्राकृतिक प्रतिरोधकता ज्यादा है क्योंकि अस्सी प्रतिशत आबादी कोरोना का सामना कर चुका है और दूसरी ओर बड़े पैमाने पर कोवैक्सीन लगाई गई है जो कुछ विशेषज्ञों के अनुसार अन्य  टीकों की तुलना में इस वेरिएंट के खिलाफ ज्यादा कारगर हो सकता है, क्योंकि यह पूरे वायरस के खिलाफ बनी है, किसी खास स्ट्रेन पर केन्द्रित नही है।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.