अब होगी कायस्थों की राजनैतिक भागीदारी -राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अधयक्ष राजीव रंजन ने लगाई दहाड़। उदयपुर, संवाददाता। ग्लोबल कायस्थ कान्फ्रेंस के प्रथम दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ आज वीरों और झीलों की नगरी उदयपुर में हो गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए ग्लोबल कायस्थ कान्फ्रेंस ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि संगठन में 51 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। अब कायस्थ समाज किसी राजनैतिक संगठन का पिछलग्गू न होकर अपना वजूद, अपना झंडा और अपना स्वरूप तय कर चुका है। उन्होंने कहा कि जीकेसी संगठन का रंग गुलाबी होने के पीछे उसका आशय है कि आपस में परस्पर प्रेम भाईचारा संगठन में कायम रहे। अन्य संगठनों की तरह यह किसी भीड़ का हिस्सा नहीं, बल्कि उसकी अपनी एक अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि राजस्थान वीरों की धरती है, यहां से मुख्यमंत्री के रूप में माणिक के लाल वर्मा, शिवचरण माथुर, मुंख्यमंत्री के रूप में अपना योगदान कर चुके हैं। ये सभी कायस्थ समाज के थे। जिस संविधान डा राजेंद्र प्रसाद, संपूर्णानंद, सहित समाज के बड़े नेताओं का योगदान रहा है। इसी विरासत को आज आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज के लोगों को अपनी राजनैतिक भागीदारी तय करना जीकेसी का लक्ष्य है। चप्पे-चप्पे पर कायस्थों की भागीदारी और जिम्मेदारी होगी, इसके लिए कायस्थ नेताओं को तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी 24 सितंबर 2023 दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाला कार्यक्रम सपने में ऐतिहासिक होगा। कायस्थ समाज का आज सभी राजनैतिक दलों द्वारा उपेक्षा की जा रही है। उसी का परिणाम है कि आज सत्ता से बाहर है।
उन्होंने अपना नारा दुहराते हुए कहा कि जो हमारे साथ है हम उसके साथ है के तर्क और तर्ज पर काम करेगा। उन्होंने आग्रह किया कि सभी चुनाव में अपना योगदान करे, राजनीति में भागीदारी होना जरूरी है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार अकु श्रीवास्तव ने कायस्थ हितों की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की। जीकेसी संगठन की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा कि हमे अपनी बुद्धिमत्ता से संगठन को दिन दूना रात चौगुना प्रगति की ओर लेकर आगे बढना होगा। हमें जीकेसी के सभी लक्ष्यों को पूरा करना है, इसके लिए हम सभी संकल्पित भी हैं।
कार्यक्रम में ग्लोबल उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव, ग्लोबल महामंत्री अनुराग सक्सेना, सीएफओ निशिका रंजन, शुभ्रांशु श्रीवास्तव, नम्रता आनंद, दीप श्रेष्ठ, नवीन कुमार, संतोष श्रीवास्तव, जितेंद्र श्रीवास्तव, काजल श्रीवास्तव, नंदा कुमारी, नवीन कविता, पवन सक्सेना, विवेक भटनागर, राजेश श्रीवास्तव, मितेश कार्ण, सुनील श्रीवास्तव, हीरालाल कर्ण, आदित्य नाग, नवीन श्रीवास्तव, सौरभ श्रीवास्तव, विपिन श्रीवास्तव, सपना वर्मा, रचना सक्सेना, सोमीका श्रीवास्तव, पवन सक्सेना, बलराम श्रीवास्तव, शिवानी गौर, राजन सक्सेना, दिवाकर वर्मा, अनिल दास, अशोक दास, कविता वर्मा, आगम श्रीवास्तव, विशाल श्रीवास्तव, जितेंद्र श्रीवास्तव, राजीव सक्सेना, प्रदीप कुमार, डॉक्टर एसएन अस्थाना, राकेश अमबष्ट, दीपांशु श्रीवास्तव, कार्यक्रम में शामिल रहे।
इस मोके पर संगठन और प्रकोष्ठ की विस्तृत समीक्षा भी की गई।जीकेसी संगठन के ग्लोबल अध्यक्ष डा राजीव रंजन, ग्लोबल उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव, ग्लोबल महामंत्री अनुराग सक्सेना, सीएफओ निशिका रंजन, द्वारा महिला,कला मानवाधिकार,चिकित्सा,मीडिया, युवा,प्रकोष्ठ के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने संगठन की समीक्षा की।
संध्या वेला में ज्योत से ज्योत जलाने का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। पहला दीप जीकेसी अधिवेशन में ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन ने प्रज्वलित किया। फिर जीकेसी से जुड़े प्रत्येक सदस्यों ने देश भर में दीप जलाया।