नयी दिल्ली,संवाददाता। मणिपुर में शांति की पुनर्स्थापना की मांग, साथ ही नष्ट हुए मंदिरों के पुनर्निर्माण पर जोर। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मणिपुर में मेतेई समाज और उसके पूजा स्थलों पर कुकी अतिवादियों द्वारा किए गए भीषण हमलों की आज कड़ी निंदा की है। मणिपुर की पहाडिय़ों में तोड़े गए मैतेई समाज के कुछ भव्य मंदिरों की ज़िलेवार संक्षिप्त सूची जारी करते हुए, विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने आज कहा कि हम पहले से ही प्रभावित लोगों की सेवा कर रहे हैं, अब हिंदू समाज को चाहिए कि इन मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए आगे आएं।
उन्होंने क्षेत्र में शांति की अपील करते हुए झूठी कहानी फैलाने वालों को चेतावनी दी, जो यह दुष्प्रचार कर रहे हैं कि केवल चर्चों पर हमला किया गया। मिलिंद परांडे ने कहा कि नष्ट किए गए 11 बड़े मंदिरों की जारी सूची, जिसमें तेंगौपाल और मोरे के 4 मंदिर, तिपाईमुख (चूरचानपुर) के 3 और चिंगोई चिंग (इंफाल पूर्व) के 4 मंदिर शामिल हैं, संपूर्ण नहीं है। इनके अलावा भी बहुत सारे मंदिर हिंसा की भेंट चढ़े हैं।
मिलिंद परांडे ने यह भी कहा कि दो समुदायों के बीच हुई दुर्भाग्यपूर्ण झड़पों के दौरान कई राजकीय संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। अब हिंदू समाज को क्षतिग्रस्त/खंडित मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए आगे आने की जरूरत है। विहिप ने अपील की कि शांति और संयम बरती जाए और देश विरोधी तथा समाज विरोधी तत्वों पर लगाम लगाई जाए। क्षेत्र में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले तत्वों और संगठनों को नियंत्रित किया जाना चाहिए।