कायस्थों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिवद्ध है जीकेसी। बिहार के एक स्थापित नेता और जदयू के प्रखर प्रवक्ता रहे राजीव रंजन प्रसाद आजकल ग्लोवलज कायस्थ कांफ्रेंस(जीकेसी) को लेकर खासे चर्चा में हैं। क्या है जीकेसी,कैसे हित सधेगा कायस्थों का और क्या होगा क्या होगा 19 दिसम्बर को तालकटोरा स्टैडियम नई दिल्ली में। इसे जानने के लिए xposenow.com के लिए मुकेश महान ने राजीव रंजन प्रसाद से लंबी बातचीत की। यहां प्रस्तुत है उसके मुख्य अंश-
बिहार और जदयू के एक स्थापित नेता राजीव रंजन को आखिर जीकेसी की जरूरत क्यों पड़ गई ?
-इसको समझने के लिए आपको पहले नेता और पार्टी की मानसिकता से बाहर निकलनी होगी। इसको ऐसे समझें कि लगातार सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से कायस्थ समुदाय पिछड़ता जा रहा है।इस लगातार पिछड़ने की प्रक्रिया को देख समझ सभी रहे हैं,लेकिन इसपर चिंतन कोई नहीं कर पा रहा है।ऐसे ही मुद्दों पर चिंतऩ करने और मिल जुलकर इसका समाधान ढूंढने के लिए एक सशक्त संगठन की आवश्यकता महसूस की गई। इसी आवश्यकता के मद्देनजर ग्लोवल कायस्थ कांफ्रेंस का गठन किया गया।
संगठन में ग्लोवल शब्द जुड़ा है…,इसका मतलब?
-सीधा मतलब है कि इस संगठन से विश्वभर के कायस्थों को जोड़ना। और आपको बता दूं कि यह संगठन अपने नाम के अनुरूप ग्लोवल हो भी चुका है। कई देशों से भारी संख्या में कायस्थ इस संगठन से जुड़ भी चुके हैं। और कई देशों के कायस्थ इस संगठन से जुड़ने की प्रक्रिया में है।
पहले से भी तो कई कायस्थ संगठन हैं, आप भी तो एक बड़े संगठन से जुड़े हुए थे, फिर नया संगठन…?
-हां, ये सही है कि कायस्थों के कई संगठन हैं, कई महसभाएं हैं। लेकिन इनमें अधिकतर संगठन ड्राइंगरूम तक ही सिमटे हुए हैं।मेरा भी 30 सालों का संगठन का अनुभव है। लेकिन हमने इतने वर्षों में देखा संगठन जमीन पर उतर कर कभी कोई काम नहीं कर पाया। हद तो ये है कि संगठन संचालक जरूरतमंदों का फोन तक नहीं उठाते हैं, फिर ऐसे संगठनों का क्या मतलब।संगठनों में रहते हुए ऐसे कई अनुभव मुझे मिले हैं।और इन्हीं अनुभवों के आधार पर हमने नये उद्देश्यों के साथ एक नया संगठन बनाया है। जो जमीन पर काम करता है। यहां ड्राइंग रूम में कुछ भी नहीं होता। यहां मिलजुल कर विचार किया जाता है, तार्किक बहसें होती हैं फिर निर्णय होते हैं। जीकेसी की स्थापना के अभी एक साल भी पूरे नहीं हुए हैं, और सैंकरों वर्चुअल कार्यक्रम और बैठकें हो चुकी हैं। बिहार के लगभग सभी जिलों में शंखनाद यात्राएं हुईं, वहां जिला मुख्यालय में कार्यक्रम हुए। साथ ही बिहार के बाहर भी कई दूसरे प्रदेशों में शंखनाद यात्राएं जारी हैं।19 दिसम्बर तक डेढ़ –दो सौ जिलों में शंखनाद यात्राओं का लक्ष्य है। इस बीच बड़े स्तर पर पटना में महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। साथ में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा चुके हैं। मतलब जमीनी स्तर पर इतनी सक्रियता आपको कहीं और किसी और संगठन में नहीं दिखेगी।
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दूसरे कायस्थ संगठनों से अलग कैसे है जीकेसी?
-दूसरे कायस्थ संगठनों से अलग इसलिए है कि यह संगठन जातिय सशक्तिकरण की बात तो करता ही है। साथ ही समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन भी करता है। मसलन कोविड काल में जीकेसी कोविड टास्क फोर्स ने देश भर में जाति से परे हटकर सभी जरूरतमंदों के लिए काम किया है। जीकेसी का गो ग्रीन प्रोजेक्ट देश भर में हजारों पौधे लगा चुका है। इसके एक दो कार्यक्रम विदेशों मे आयोजित किए जा चुके हैं। आगे भी जीकेसी अपनी जिम्मेदारी समझकर कर समाज के हित में काम करता रहेगा।
-ये शंखनाद यात्रा का बड़ा शोर है। क्या है ये शंखनाद यात्रा?
-शंखनाद यात्रा कायस्थों को जगाने वाला एक कार्यक्रम है। इसके तहत गलोवल कायस्थ कांफ्रेंस हर जिले में जाकर वहां कायस्थों को एकत्रित करता है,उनसे संवाद करता है, उनकी समस्याओं को जानने-समझने का प्रयास किया जाता है और उसके निराकरण की कोशिश की जाती है। साथ ही उनके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए उन्हें जागरूक किया जाता है और 19 दिसम्बर को दिल्ली पहुंचकर अपनी चट्टानी एकता का प्रदर्शन करने का आह्वान किया जाता है।
ये दिल्ली चलो अभियान क्या है और क्या होगा 19 दिसम्बर को तालकटोरा मैदान में?
-19 दिसम्बर ऐतिहासिक दिन है कायस्थ समाज के लिए। इसी दिन सन् 1915 में पहला ऑल इंडिया कायस्थ कांफ्रेंस का आयोजन हुआ था और लाहौर सेशन में प्रस्ताव पास किया गया कि ऑल इंडिया कायस्थ कांफ्रेंस स्वाधीनता संग्राम का हिस्सा बनेगी। इस बार का दिल्ली चलो अभियान भी उसका दुहराव है। वहां देश विदेश के कायस्थ इकट्ठा होंगे। कायस्थ सशक्तिकरण का 5 साल के लिए रोडमैप रीलिज होगा। और उसके बाद उसपर गंभीरता से काम होगा। इसके साथ ही दिल्ली में कायस्थों की एकता भी दिखेगी। कई कायस्थ संगठन के लोग, कई अलग अलग पार्टियों के कायस्थ, कई राज्यों और कई देशों के कायस्थ इस विश्व कायस्थ महा सम्मेलन में शिरकत करेंगें। सच में यह अद्भूत होने वाला है।