जानें क्या है किडनी रोग के प्रारंभिक लक्षण । किडनी रोगों का फैलाव हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है। यह रोग सिर्फ बढ ही नहीं रहा है बल्कि यह कंमप्लीकेटेड भी हो रहा है। इसका कारण है कि सामान्य आदमी इसके लक्षण को शुरुआत में समझ नहीं पाता और जब तक वह समझ पाता है और डाक्टर के पास जाता है तबतक काफी देर हो चुकी होती है। इसलिए हर व्यक्ति को इसके शुरुआती और सामान्य लक्षण जानना जरूरी होता है। इन्हीं शुरूआती और सामान्य लक्षणों को जानने और आपतक पहुंचाने के लिए मुकेश महान ने xposenow.com के लिए देश के प्रसिद्ध यूरोलोजिस्ट कंसल्टेंट, लेप्रोस्कोपिक और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन और सत्यदेव सुपर स्पेशलिटी हॉसपिटल के मैनेजिंग डाइरेक्टर डाक्टर कुमार राजेश रंजन से विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत है उसके मुख्य अंश –
इधर हाल के वर्षों के किडनी रोगियों की संख्या में तेजी से बृद्धि हो रही है, इसके कोई खास कारण…
–हां, किडनी रोगियों की संख्या बढ तो रही है।इसके कारण भी हैं।पहला और महत्वपूर्ण कारण हैं लोगों का लाइफ स्टाइल। उनका फूडिंग और ड्रिंकिंग्स स्टाइल..
मतलब थोड़ा विस्तार से बताएं..
–दरअसल आजकल लोगों को लाइफ स्टाइल तेजी से बदल रहा है। लोग स्ट्रेस में ज्यादा रहने लगे हैं। इस स्ट्रेस से बचने के लिए स्मोकिंग, अल्कोहल और तम्बाकू जैसी चीजों का सेवन भी भी करने लगे हैं। और ये सब चीजें किडनी के लिए हानिकारक है। सच कहें तो किडनी रोग को जनक भी हैं।
इसके अतिरिक्त और कोई कारण .. ?
– हां, कई बार दर्द निवारक दवा की आवश्यकता से अधिक मात्रा में सेवन भी किडनी से संबंधित रोग पैदा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त हाई शुगर, हाई बीपी या कोई इन्फेक्शन भी किडनी रोग का कारण हो सकता है। इतना ही नहीं, कई बार यह रोग मां के गर्भ से आता है, जो कभी-कभी तो जन्म के तुरत बाद डिटेक्ट हो जाता है तो कभी-कभी वर्षों बाद यह पता चलता है।
मतलब इस रोग के लिए उम्र कोई खास मायने नहीं रखती है ?
-नहीं,यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है। बच्चों से लेकर बुढ़े-बुजुर्गों में महिलाओं से लेकर पुरुषों में सभी में हो सकता है और कभी भी हो सकता है।
सवाल-किस तरह की परेशानी आमतौर पर होती है इसमें ?
– देखिये,किडनी रोग दो तरह के होते हैं। पहला है मेडिसिनल और दूसरा है सर्जीकल। दोनों तरह की बीमारी अलग अलग होती है। दोनों में इलाज अलग अलग तरह के होते हैं। यहां तक कि दोनों के सेपेशलिस्ट डाक्टर अलग अलग होते हैं, हायर लेवल पर उनकी पढ़ाई भी अलग अलग हो जाती है।
ओह। मेडिसिनल बीमारी में क्या-क्या आता है ?
– हाई शुगर,हाई बल्ड प्रेशर,या किडनी में कोई इंफेक्शन,या किडनी का सिकुड़ जाना या सिकुड़ने की कोई टेंडेंसी जैसी किडनी की बीमारी मेडिसिनल बीमारी में आती है। इसका इलाज नेफ्रॉलॉजिस्ट या किडनी फिजीशियन करते हैं।दूसरी ओर सर्जीकल बीमारी है, जिसमें आपरेशन या सर्जरी की जरूरत पड़ती है। जिसका इलाज किडनी सर्जन या यूरो सर्जन करते हैं।
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किडनी की सर्जीकल बीमारी में क्या क्या आता है ?
– सर्जीकल आपरेशन से संबंधित बीमारी आती है।जैसे किडनी स्टोन,किडनी कैंसर, पेशाब में किसी तरह की रूकावट, कीडनी में सूजन या जन्म से कोई परेशानी।

आम आदमी कैसे समझे कि कि किडनी में कोई परेशानी शुरू हो रही है। कोई वैसा लक्षण डाक्टर साहब जिससे अंदेशा हो कि किडनी की कोई बीमारी हो सकती है ?
– हां, कुछ ऐसे लक्षण हैं जैसे पेशाब बार बार आना, पेशाब रूक जाना,पेशाब में खून आना, पेशाब में जलन आना, खांसी, श्वास लेने में दिक्कत, पैर फूलना, नोचनी, पेट में लगातार दर्द होना,आदि कीडनी रोग के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं। ऐसी समस्या आने पर जरूर किसी नेफ्रोलॉजिस्ट से कंसल्ट करना चाहिए।
कोई सावधानी जिससे किडनी रोग से बचा जा सकता है?
–हां, कुछ सावधानियां तो हैं जिससे आप कुछ हद तक किडनी रोग से अपना बचाव कर सकते हैं या इस रोग की आशंका का प्रतिशत कम किया जा सकता है। सावधानियों में स्मोकिंग, अल्कोहल,तम्बाकू, शराब के सेवन से बचना चाहिए।पेंट्स के वातावरण से भी खुद को अलग रखना चाहिए।इसके साथ साथ दर्द निवारक दवा का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए अगर जरूरत हो भी तो किसी डाक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए। खासकर अमिकासिन और आईव्यूब्रूफेन ग्रुप की दवा तो एकदम इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।