नीतीश कुमार कब करायेंगे ऑक्सीजन और दवा की व्यवस्था, कहां है डबल इंजन वाली सरकार : Anil Kumar
पटना. जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष Anil Kumar ने आज पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर अपने 120 बेड वाले होटल पाटलिपुत्रा निर्वाणा को सरकार को देने की घोषणा की है। इसको लेकर उन्होंने कहा कि आज बिहार के बड़े बड़े अस्पतालों में भी 200 बेड नही हैं PMCH में सिर्फ 105 बेड, AIIMS में 190 बेड NMCH में 160 के जगह पर 176 बेड लगाए गए है। एक साल हो गया, लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है। इस वजह से आज हालात बिगड़े हैं, इसलिए हम अपने 120 बेड वाले होटल पाटलिपुत्रा निर्वाणा को सरकार को दे रहे हैं।
वहीं, Anil Kumar ने 18 अप्रैल को हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रेस वार्ता पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए पूछा है कि बिहार में कब होगा ऑक्सीजन व दवा की व्यवस्था और कहां है डबल इंजन वाली सरकार। सुशासन बाबू की 18 तारीख की प्रेस कॉन्फ्रेंस देख ऐसा लगा कि वो साफ साफ बोल रहे है कि तुम सभी मरो और मैं शमशान घाट बनाता हूं। Anil Kumar ने कहा कि कंटेनमेंट की व्यवस्था करेंगे सुशासन बाबू ये सुनने में कितना अच्छा लगा, लेकिन आज तीसरा दिन है। कितने जगह ये कंटेनमेंट बनना शुरू हुए। अब तो दिल्ली में भी लॉकडाउन लग चुका है और वहां से सारे प्रवासी मजदूर फिर से आने लगे। कब तैयार करेंगे ? बीते साल कोरोना काल का सबसे बड़ा घोटाला है कोरेनटाइन सेंटर। उस वक्त जितने भी कोरेनटाइन सेंटर बने थे, इस लहर में वो सारे कोरेनटाइन सेंटर कहाँ गायब हो गए। बाढ़ में बह गए या चूहे खा गए।
ऑक्सीजन के सवाल पर उन्होंने पूछा कि ऑक्सीजन की व्यवस्था कब कराई जाएगी। हर दिन हमारे पास फोन आ रहे हैं। कल भी मुझे लोगों ने ट्विटर पर टैग कर सहायता मांग रहे थे। ये डबल इंजन की सरकार और प्रशासन आपस मे मिल कर ब्लैक में बेच रही हैं। और लोगों के जीवन के साथ राजनीति कर रही हैं। इधर बोलती है हम प्राइवेट हॉस्पिटल वालो को नहीं बल्कि सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन देंगे और सरकारी अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक पत्र लिख कर बोलते है। सरकार कुछ नहीं दे रही है। ये डबल इंजन की सरकार डबल गेम खेल ब्लैक में बेच रही है।
उन्होंने सरकार से पूछा कि अनुमंडलों में 75 बेड वाले हॉस्पिटल का आपके पास कोई डेटा हैं? मुझे मालूम हैं आपके पास बिल्कुल नहीं है, आज भी बहुत सारे अनुमंडलों में हॉस्पिटल की नींव भी नहीं रखी गई है। फिर से जुमला फेखते हुए ANM,आशा,आंगनबाड़ी का एक महीने अतिरिक्त का पैसे देने को बोल रहे हैं। पिछली बार का एक महीने के अतिरिक्त वेतन का पैसो का क्या हुआ? कहीं डॉक्टर की कमी तो कहीं नर्सेस की कमी हो रही, लेकिन सरकार कमी पूर्ति करने के बजाय गिरगिट की तरह अपनी खालें बदल रही हैं।
उन्होंने कहा कि सुशासन बाबू को ऐसा लगता है कि कोरोना इवनिंग वाकिंग से आता हैं और रातों को काम करता है और सूरज की रौशनी आने से पहले ही भाग जाता हैं। हमे तो नही लगता कि कोरोना की चैन नाइट कर्फ्यू से छूटेगी। कोरोना काल मे सरकार बिहार चुनाव में 625 करोड़ की खर्च की बात की थी लेकिन इस क्या डबल इंजन की 125 करोड़ वाली पैकेज सिर्फ अपने मंत्री के जेबो को भरने के लिये रखे या वो भी डकार गए? आज भी पटना के बड़े अस्पताल जैसे मेदांता को अभी तक कोविड इलाज सेंटर क्यो नही बनाया गया?
उन्होंने कहा कि परसों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वो बोलते है अब हम सभी जिलों से कोविड मरीजों की जानकारी लेंगे, मैं पूछता हूं सुशासन बाबू से इतने दिन से आपकी डबल इंजन की सरकार क्या कर रही थी,जो कि अभी तक सभी डेटा नहीं है कितने कोविड पेसेंट कहाँ हैं अभी हाल ही में सरकारी कोविड जाँच 19 लोगों को पॉजिटिव बताया बाद में 17 लोग नेगेटिव निकले। अभी हाल ही बक्सर स्टेशन पर कोविड जांच से बच कर प्रवासी मजदूर भाग रहे थे,क्या डबल इंजन सरकार इतनी भी सक्षम नही की वो लोगो को विश्वास दिला सके। ऐसा लगता जनता को इस डबल इंजन की सरकार से भरोसा ही टूट चुका।
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उन्होंने पूछा कि विगत एक साल में कितने नए अस्पताल बने ? अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या में कितनी वृद्धि हुई ? ऑक्सीजन के कितने नए प्लांट लगे ? कितने नए डॉक्टरों की बहाली हुई ? कितने नए स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली हुई ? दवाओं की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए ? RT- PCR की रिपोर्ट की 7-8 दिन में क्यों आ रही है ? उसकी समय सीमा तय कि जाय।
उन्होंने सरकार को सुझाव भी दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि कोविड कंट्रोल रूम बनाया जाय, जहाँ से लोगों को सच की अवगत करवाई जाए और लोग सीधे सहायता ले सके और कोई भी हॉस्पिटल मनमानी करता है तो तुरंत एक्शन लिया जाय। एक वेब पोर्टल/ऐप बनाया जाय जहाँ सारे हॉस्पिटल के डिटेलस हो जैसे किस मे कितने बेड खाली है। कहाँ पर वेंटिलेटर और किस हॉस्पिटल में वैक्सीन हैं। ताकि मरीज के परिजनों को इधर उधर भटकना न पड़े और समय रहते इलाज सम्भव हो सके। सरकार और प्रशासन दवाइयों को ब्लैक में बेचना बंद करें। बिहार के सभी प्राइवेट हॉस्पिटल की लिस्ट जारी की जाए,जिससे कोविड का इलाज हो सकता हैं और वहाँ पर कोई भी पेसेंट एडमिट हो सके हैं और उसका सारा खर्च सरकार उठाये।