पटना /संवाददाता। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री Ashwini Kumar Choubey ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज आयोजित राष्ट्रव्यापी काला दिवस को राजनीति का काला करतूत का नाम देते हुए कहा कि इससे देश, किसानों और मजदूरों का बड़ा अहित हो रहा है। आज के राष्ट्रव्यापी काला दिवस में आम जनता की भागीदारी तो दूर, संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल संगठनों के कैडर के लोगों ने भी पूरी भागीदारी नहीं की।
देश,किसानों और मजदूरों को बरगला कर उनका अहित कर रहा है- अश्विनी चौबे
जारी प्रेस विज्ञप्ति में केंद्रीय मंत्री Ashwini Kumar Choubey ने कहा कि ये संगठन उस कानून का विरोध कर रहे हैं जो लागू हुआ ही नहीं है। इन संगठनों को केंद्र सरकार ने कई बार बातचीत के लिए बुलाया लेकिन इनको बातचीत और इसके समाधान के बजाय राजनीति की ज्यादा चिंता है। संगठन के नेतागण एक तरफा निर्णय चाहते हैं कि इन कानूनों को निरस्त कर दिया जाए और इसपर कोई सार्थक बहस बिल्कुल नहीं चाहते। अराजनीतिक कहे जाने वाले इस आंदोलन में राजनीति कूट कूट कर भरी हुई है और सभी विपक्षी पार्टियां इसमें शामिल हैं। लोकतंत्र इस तरीके से एकतरफा नहीं चल सकता है। आखिर सरकार भी भारत की जनता द्वारा चुनी गई है।
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केंद्र सरकार ने एक तो सरकार ने किसानों के व्यापक हित में तीन कृषि कानून और मजदूरों के हित में चार श्रम कानून बनाने काम किया। इसके लागू हो जाने पर किसानों और मजदूरों के जीवन में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन होगा। फिर भी सरकार किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत को हमेशा तैयार है। लेकिन किसान संगठन के नेताओं को न तो किसान की, न सरकार की और न देश की चिंता है। इनको अपनी बात एकतरफा मनवाना और सरकार को झुकाना,सिर्फ इसकी ही चिंता है। कोरोना के महा संकट में लगातार छह महीने से आंदोलन कर रहे इन संगठनों के नेताओं के कारण कोरोना के विरुद्ध लड़ाई कमजोर पड़ रही है। इनके कारण कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। संक्रमण फैला कर ये किसानों व मजदूरों का नुकसान कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसानों और मजदूरों का सबसे बड़ा शुभचिंतक है और उनके लिए लगातार काम कर रही है। इस कोरोना काल में किसानों के सहायतार्थ उनके खातों में सीधे पैसा भेजा गया है। भारत के किसानों और मजदूरों को धन्यवाद जिन्होंने आज के काला दिवस को पूरे तरीके से नकार दिया।