मुकेश महान। विधानसभा चुनाव 2022 अपना परिणाम दे गया। साथ ही कई मिथक भी तोड़ गया तो कुछ नई परिभाषाएं भी गढ़ गया। मिथक उत्तर प्रदेश में टूटे तो नई परिभाषाएं पंजाब में दिखीं। हालांकि इन दोनों प्रदेश में कुछ भी नया नहीं दिखा। इन दोनों प्रदेश के ऐसे ही परिणामों की उम्मीद आम जनता को चुनावी घोषणा के साथ ही हो गई थी। भले ही नेता और पार्टियां भ्रम में थे। हां उतराखंड, मणिपुर और गोवा को लेकर परिणाम की प्रतिक्षा जरूर थी।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने राशन और सुशासन वनाम कुशासन,भ्रष्ट्राचार और परिवारवाद की लड़ाई में 403 में से 274 सीटें और 40 फीसदी वोट के साथ भाजपा को जीत दिला दी। निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी का चेहरा और संकल्प ने इसमें महती भूमिका अदा की है।
दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी रही. लेकिन उनकी साइकिल रफ्तार नहीं पकड़ सकी और महज 124 स्टेशनों (सीटें) तक ही पहुंच सकी। बसपा और कांग्रेस भी 1-2 सीटों पर सिमट कर रह गई। नया नया कमान संभालने वाली कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी अपनी और कांग्रेस की प्रतिष्ठा ऩहीं बचा पाए। इसके साथ ही कांग्रेस का यह भ्रम भी टूट गया कि प्रियंका गांधी कांग्रेसी नैया पार करा सकती हैं या वह भी कांग्रेस के बुरे वक्त में करिश्माई नेता साबित होंगी।
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विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा तो लगभग प्रदेश की राजनीति से साफ ही हो गईं। वरिष्ठ नेता मायावती के नेतृत्व की धार अब कुंद सी पड़ गई है। ऐसा लगता है कि प्रदेश में अपना अस्तीत्व बचाए रखने के लिए बसपा को युवा और नया नेतृत्व की जरूरत आन पड़ी है।
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के रुप में योगी ने अपने कहे अनुसार कई मिथकों को तोड़ दिया है। मसलन नोएडा जाने वाले कोई मुख्यमंत्री अपने को दोहरा नहीं पाए थे, एक्सप्रेसवे शुरु कराने वाले मुख्यमंत्री अगली बार मुख्यमंत्री नहीं बन पाते। और तो और हाल के वर्षों में एक यह मिथक भी उभर कर सामने आया कि सरकारें उत्तर प्रदेश में रिपिट नहीं हो पातीं। ऐसी तमाम मिथकों को योगी ने एक ही झटके में तोड़ कर रख दिया। साथ ही सुशासन के लिए एक नया प्रतिक शब्द बुलडोजर गढ़ दिया। दरअसल इस चुनाव में बुलडोजर शब्द का जमकर प्रयोग योगी जी ने किया था।