पटना, संवाददादाता। बजट 2023-24 के विरोध में प्रतिरोध मार्च। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को संसद में पेश बजट मजदूर, किसान, छात्र, नौजवान और लघु कारोबारी के विरुद्ध है। अमृत काल का यह बजट सिर्फ झूठ का पुलिंदा एवं लच्छेदार भाषण है। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य मूल्य वृद्धि आदि जैसे मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। इस बजट में मतदाताओं को लुभाने के लिए सिर्फ शब्दों और उपहासों की बमबारी की गई है। उक्त बातें 2023-24 के विरोध में निकाली गई प्रतिरोध मार्च के दौरान एटक पटना के महासचिव का अजय कुमार सिंह ने कही
उन्होंने कहा कि ट्रेड यूनियन की मांग पुरानी पेंशन योजना, सभी को सामाजिक सुरक्षा, सभी को पेंशन, ठेका प्रथा की समाप्ति कर नियमित नियुक्ति, कृषि श्रमिकों सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए जीवन जीने योग्य मजदूरी पर कोई चर्चा नहीं है। यह एक ऐसा बजट है जो राष्ट्रीय हित के भी विपरीत है। 94 प्रतिशत असंगठित कार्यबल जो सकल घरेलू उत्पाद में 60 प्रतिशत योगदान करते हैं, बजट में उसके दीर्घ कालीन रोजगार और गुणवत्ता पूर्ण नौकरियों के सृजन पर ध्यान नहीं दिया गया है।
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बजट को जनविरोधी, मजदूर विरोधी मानते हुए इसके विरोध में आज पटना जिला कमिटी एटक के तत्वावधान में जीपीओ गोलंबर से प्रतिरोध मार्च निकाला गया, जो बुद्ध स्मृति पार्क पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया।
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सभा की अध्यक्षता कुमार विन्देश्वर सिंह ने किया। वहीं प्रतिरोध मार्च का नेतृत्व जिला एटक महासचिव अजय कुमार, राज्य महासचिव ग़ज़नफ़र नवाब, आशा संघ महासचिव कौशलेंद्र वर्मा, विजली यूनियन के उप महासचिव डीपी यादव नारायण पूर्वे, असगर हुसैन, मनोज कुमार, मंगल पासवान, जितेंद्र कुमार, प्रमोद नंदन आदि ने किया। सभा में एक प्रस्ताव भी पास हुआ कि अडानी कांड की जांच जेपीसी से किया जाए।